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Health Tips: क्या बिना किसी बात के आपको आता है गु्स्सा

Health Tips: क्या बिना किसी बात के आपको आता है गु्स्सा, तो आप हो सकते हैं इमोशनल स्ट्रेस के शिकार, जानिए क्या हैं इसके लक्षण

Health Tips: आज के दौर में बिजी शेड्यूल रखने वाला इंसान अपने इमोशंस को भूलने लगता है. रोजाना की दिनचर्या के चलते कई बार शारीरिक से ज्यादा भावनात्मक थकान (Emotional Exhaustion) का अहसास होता है. ऐसे में व्यक्ति चीजों को ठीक से डील नहीं कर पाता है, जो कई बार हमारे करियर से लेकर व्यक्तिगत संबंधों तक को प्रभावित करता है. ज्यादा स्ट्रेस और भावनात्मक थकान से दिमाग ठीक से ऑब्जर्व नहीं कर पाता है.

कई बार लोग जरूरत से ज्यादा इमोशनल हो जाते है. मामूली बातों पर रोना आना या किसी बात पर अचानक गुस्सा हो जाना. ये कुछ लक्षण हैं जो भावनात्मक थकान का संकेत देते हैं. अगर आपको लगता है कि आप भावनात्मक रूप से थक चुके हैं तो खुद को ब्रेक देना चाहिए. किसी भी व्यक्ति में भावनात्मक थकान (Emotional Exhaustion) की स्थिति तब पैदा होती है जब व्यक्ति अपने काम या निजी जीवन में अत्यधिक तनाव का अनुभव करता है.

कई लोगों को लगता है कि भावनात्मक थकावट के कारण ब्रेक लेना व्यर्थ है. इसमें टाइम वेस्ट करना फिजूल है. लेकिन समझदारी इसी में है कि जब भी आप खुद को अत्यधिक तनाव की स्थिति में पाएं तो अपने काम से थोड़े ब्रेक ले. ब्रेक लेने से आप अपने दिमाग में सब कुछ स्पष्ट रूप से सोच पाएंगे और सही निर्णय ले पाएंगे. अगर आप इस स्थिति में ब्रेक नहीं लेंगे तो आपका दिमाग चीजों पर फोकस नहीं कर पाएगा और आप काम या निजी जीवन में गलतियां करते रहेंगे.

भावनात्मक थकान के यह होते हैं लक्षण

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