कुत्ते इंसानों की हरकतों को बारीकी से देखते हैं। अगर कोई व्यक्ति तेज़ी से हिले-डुले, हाथ उठाए या आंखों में घूरकर देखे, तो कुत्ते को यह डरावना लग सकता है। ऐसे में वह भौंकना शुरू कर सकता है। वहीं, अगर कोई प्यार से, धीरे-धीरे और आराम से पास आता है, तो कुत्ता खुद को सुरक्षित महसूस करता है और शांत रहता है।
गंध से पहचानते हैं इंसान को
कुत्तों की नाक बहुत तेज़ होती है। वे इंसानों की गंध को अच्छी तरह पहचान सकते हैं। अगर किसी के कपड़ों से तेज़ परफ्यूम, किसी और जानवर की गंध या कोई अजीब खुशबू आ रही है, तो कुत्ता असहज हो सकता है और भौंकने लगेगा। यही नहीं, कुत्ते अपनी पुरानी यादों के आधार पर भी प्रतिक्रिया देते हैं।अगर किसी व्यक्ति ने पहले कुत्ते को डराया हो और वह व्यक्ति फिर से उसी तरह के कपड़े पहनकर आए या उसकी वही गंध हो, तो कुत्ता सतर्क हो जाएगा और भौंकने लगेगा। लेकिन अगर उसके साथ पहले कोई अच्छा अनुभव रहा हो, तो वह पूंछ हिलाकर खुशी जाहिर करेगा।
इंसानी भावनाओं को महसूस कर सकते हैं
कुत्ते सिर्फ गंध ही नहीं, बल्कि इंसानों की भावनाएं भी समझ सकते हैं। अगर कोई व्यक्ति डरा हुआ या घबराया हुआ है, तो कुत्ता उसे देखकर असहज हो सकता है। वहीं, अगर कोई आत्मविश्वास से भरा और शांत स्वभाव का है, तो कुत्ता उस पर भरोसा करने लगता है।
कुत्तों को भौंकने से कैसे रोकें
सही प्रशिक्षण दें,जब कुत्ता छोटा हो, तभी से उसे अलग-अलग लोगों और माहौल से परिचित कराएं। इससे वह अजनबियों को देखकर डरने की बजाय सहज रहेगा।
सकारात्मक व्यवहार को बढ़ावा दें,अगर कुत्ता शांत रहता है, तो उसे इनाम में कुछ खाने के लिए दें या प्यार से सहलाएं। इससे उसे समझ आएगा कि यह अच्छा व्यवहार है।
ध्यान भटकाएं,अगर कुत्ता ज्यादा भौंक रहा हो, तो उसे कोई खिलौना दें या खेल में व्यस्त कर दें। इससे उसका ध्यान भटक जाएगा और वह शांत हो जाएगा।
आज्ञा सिखाएं,”शांत हो” जैसी आज्ञाओं का अभ्यास कराएं। जब वह शांत रहे, तो उसे इनाम दें। धीरे-धीरे वह समझ जाएगा कि उसे कब चुप रहना है।
कुत्तों के भौंकने को सही तरीके से समझें
भौंकना कुत्तों की संवाद करने की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। वे डर, चिंता या अपनी जगह की सुरक्षा के लिए ऐसा करते हैं। अगर हम उनके भौंकने के कारणों को समझें और सही प्रशिक्षण दें, तो हम उनके साथ बेहतर संबंध बना सकते हैं।