Lok Sabha 2024: आजम खान की राजधानी रामपुर में बीजेपी की उम्मीद क्यों दिख रही है?

समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान इस बार जेल में हैं, इसलिए वह रामपुर लोकसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।

Lok Sabha 2024: 2022 में रामपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की, जिससे सपा का सबसे बड़ागढ़ और आजम खान का गढ़ बन गया। समाजवादी पार्टी एक बार फिर इसी सीट को खो चुकी है।

Lok Sabha 2024: इस लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी ने कई सीटों पर अपने प्रत्याशी को बदल दिया था, और इसी बदलाव ने रामपुर सीट पर विवाद पैदा किया है। राजनीतिक गलियारे में तेजी से चर्चा हो रही है कि सपा में इस सीट को लेकर व्यापक विवाद और संघर्ष चल रहा है।

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अखिलेश चिंतित,  बीजेपी पूरा लाभ उठाने में लगी 

वैसे तो रामपुर को सपा नेता आजम खान का गढ़ कहा जाता है। लेकिन आजम फिलहाल जेल में हैं, जिससे वह इस बार होने वाले चुनाव में भाग नहीं ले पाए, हालांकि आजम इस सीट पर अभी भी काबिज है।

इसलिए इस रिपोर्ट में पूरी तरह से समझते हैं कि आजम के गढ़ रामपुर में बीजेपी की उम्मीद क्यों है

रामपुर सीट पर समाजवादी पार्टी ने मोहिबुल्लाह नदवी को उम्मीदवार बनाया है, जबकि बीजेपी के वर्तमान सांसद घनश्याम लोधी एक बार फिर सपा को चुनौती देने के लिए तैयार हैं।

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आजम के समर्थन के बिना सपा ने प्रत्याशी उतारा

माना जाता है कि अखिलेश यादव ने आजम खान के समर्थन के बिना ही इस सीट से मोहिबुल्लाह नदवी को उम्मीदवार बनाया है। जिससे आजम खान के समर्थकों को इस लोकसभा सीट पर बहुत काम है।

सूत्रों के अनुसार, आजम के समर्थन के बिना उम्मीदवार उतारने पर अखिलेश और आजम के बीच का विवाद भी बढ़ता जा रहा है। साथ ही आजम के निकट संबंधी भी इस सीट से सपा उम्मीदवार का विरोध कर रहे हैं। यह भी चर्चा में है कि आजम के समर्थक इस चुनाव में बसपा के उम्मीदवार जिशान खां के साथ जा रहे हैं, न कि सपा के।

इसका अर्थ है कि अगर ऐसा होता है, तो आने वाले चुनाव में रामपुर में मुस्लिम वोटों का वितरण होगा, जिससे भारतीय जनता पार्टी को सीधा लाभ मिल सकता है।

BJP सोशल इंजीनियरिंग

विपरीत, यहां भारतीय जनता पार्टी ने जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी कोशिश की है। पार्टी ने सिर्फ अपने विजेता उम्मीदवार को इस पद पर उतारा है।

2022 में घनश्याम लोधी ने इसी सीट पर उपचुनाव जीता था। इस सीट पर 50 प्रतिशत से अधिक लोग मुस्लिम मतदाता हैं। यही कारण है कि बीजेपी इस क्षेत्र में सोशल इंजीनियरिंग का उपयोग करके हिंदुओं और अन्य जातियों के वोटों को जीतने की कोशिश कर रही है।

घनश्याम लोधी, उम्मीदवार, इस चुनाव में लोध, राजपूत, कमेरा, सैनी, पाल, कश्यप, कुर्मी, जाटव और यहां तक कि यादव का समर्थन प्राप्त करेंगे।

साथ ही रामपुर में वोटों का गणित भी जानिए।

इस क्षेत्र में मुसलमानों की आबादी 50.57 प्रतिशत है। यही नहीं, लगभग 45.97% वोटर हिंदू हैं, 2.8 प्रतिशत सिख, 0.39% ईसाई और लगभग 13% अनुसूचित जाति के हैं। इसके अलावा, इस सीट के लगभग 25.2 प्रतिशत लोग शहरी क्षेत्रों में रहते हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की संख्या 74.8% है।

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रामपुर चुनाव परिणाम 2019

2019 में हुए लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार आजम खां ने इस सीट पर 559117 वोटों से जीत हासिल की। भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार जयाप्रदा को 449180 वोट मिले।

2022 में रामपुर सीट पर उपचुनाव

2022 में इसी सीट पर उपचुनाव हुए। उस समय भारतीय जनता पार्टी के घनश्याम सिंह लोधी ने 367379 वोटों से जीत हासिल की थी। समाजवादी पार्टी के आसिम राजा केवल 325205 लोगों से मिले।

2019 में कितने वोट डाले गए?

16.68 लाख लोगों ने इस सीट पर पिछले लोकसभा चुनाव में वोट डाले थे। जिसमें से 8.41 लाख मुसलमान और 8.26 लाख हिंदू थे। रामपुर में मुस्लिम मतदाताओं में सबसे अधिक तुर्क (1.45 लाख) और पठान (1.35 लाख) के वोट थे।

जबकि 1.15 लाख लोध वोटर हिंदू थे। जबकि यादव (पचास हजार), जाटव (एक लाख पांच सौ), सैनी (आठ सौ), पाल (तीस हजार), कश्यप (तीस हजार) और सत्तर हजार कुर्मी मतदाता थे।

आजम खान लगातार 10 बार विधायक रहे हैं

रामपुर सीट पर आजम खान दस बार विधायक और एक बार सांसद चुने गए हैं। 2019 के बाद, भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर पिछले चार दशकों से काफी तेजी से अपनी पकड़ मजबूत करनी शुरू कर दी, जो इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के लिए एक बड़ा मौका है क्योंकि आजम खान इस बार जेल में हैं।

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