Lok Sabha Election 2024: बसपा का दावा श्रीकला ने चुनाव लड़ने से खुद किया इनकार, जौनपुर से बदला उम्मीदवार

Lok Sabha Election 2024

Lok Sabha Election 2024: पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी का टिकट कटने के बाद धनंजय सिंह ने बहुजन समाज पार्टी पर विश्वासघात का आरोप लगाया और कहा कि वह चुनावी मैदान (Lok Sabha Election 2024) से नहीं हटेंगे। इसके बाद बसपा ने अपना रुख स्पष्ट किया। वाराणसी मंडल के संयोजक और पूर्व सांसद बसपा नेता घनश्याम चंद खरवार ने धनंजय सिंह के आरोपों को निराधार और असत्य बताया।

उन्होंने कहा कि बसपा ने शाम को अपने केंद्रीय कार्यालय का उद्घाटन किया था और श्रीकला रेड्डी ने खुद चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था, उनके टिकट की अंतिम पुष्टि की पुष्टि करते हुए उनकी प्रेस विज्ञप्ति में एक तथ्य का भी उल्लेख किया गया था। सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों के बावजूद शाम पांच बजे के आसपास उन्होंने धनंजय सिंह से करीब डेढ़ घंटे तक चर्चा की, जहां उन्होंने पूछा कि क्या उन पर कोई दबाव है या क्या वह चुनाव से हटने का इरादा रखते हैं।

धनंजय सिंह ने दिया जवाब

बसपा नेता ने कहा कि धनंजय सिंह और श्रीकला रेड्डी दोनों ने अपने बच्चों के सिर पर हाथ रखकर वचन दिया था कि श्रीकला रेड्डी चुनाव लड़ेंगी। हालांकि, देर रात धनंजय सिंह ने बीएसपी के मंडल कोऑर्डिनेटर रामचन्द्र गौतम को फोन किया और कहा कि वे चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। उन्होंने इसका कारण पारिवारिक दबाव बताया और संकेत दिया कि उन्हें चुनाव में भाग लेने से मना करने के लिए मजबूर किया गया। बसपा नेता ने आगे स्पष्ट किया कि श्रीकला रेड्डी का टिकट फाइनल हो गया था, लेकिन उन्होंने खुद चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया, जिसके कारण उन्हें नया उम्मीदवार ढूंढना पड़ा।

श्याम सिंह यादव ने किया नामंकन

उन्होंने अपने ऊपर बाहरी दबाव का संकेत देते हुए अपने कार्यकर्ताओं की पूरी भागीदारी के साथ 1 मई को श्याम सिंह यादव को नामांकित किया। श्रीकला रेड्डी के इनकार के बाद बसपा ने उन्हें श्याम सिंह यादव का नामांकन पत्र जमा करने का निर्देश दिया। उन्होंने 2019 की तरह 2024 में भी जीत का भरोसा जताया।

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गौरतलब है कि श्रीकला रेड्डी का टिकट कटने के बाद धनंजय सिंह ने पहले भी कई बार बीएसपी पर धोखा देने का आरोप लगाया था और उनके बयानों को झूठ बताया था। धनंजय सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि वह कभी दबाव की राजनीति नहीं करते। दरअसल, नामांकन के आखिरी दिन जौनपुर से उम्मीदवार बदलने के बसपा के फैसले पर सवाल उठ रहे हैं।

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