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लोकसभा से पारित हुआ अपराधियों की पहचान की प्रक्रिया से जुड़ा बिल

abhishek tyagi by abhishek tyagi
April 5, 2022
in देश, राष्ट्रीय
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नई दिल्ली। लोकसभा में सोमवार को Criminal Procedure (Identification) Bill (दंड प्रक्रिया (शिनाख्त) विधेयक 2022) पारित हो गया. बिल में किसी सज़ायाफ्ता या आरोपी व्यक्ति की पहचान के लिए उसके जैविक सैम्पल, फिंगर प्रिंट , फुट प्रिंट और अन्य तरह के सैम्पल लिए जाने का प्रावधान किया गया है. विपक्ष की आशंकाओं को खारिज़ करते हुए गृह मंत्री अमित शाह इस बिल को बदलते समय की ज़रूरत बताया. अब बिल को राज्यसभा भेजा जाएगा।

बिल पर लोकसभा में ज़ोरदार बहस हुई. विपक्ष ने बिल को मूल अधिकारों और मानवाधिकार के खिलाफ बताया. विपक्षी सांसदों का ये भी कहना था कि बिल प्राइवेसी के अधिकार के ख़िलाफ़ है. गृह मंत्री अमित शाह ने पलटवार करते हुए कहा कि सरकार को सबसे पहले पीड़ितों के मानवाधिकारों की चिंता है।

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बिल में क्या है प्रावधान?
किसी सज़ायाफ्ता या किसी अपराध के आरोप में गिरफ़्तार किए गए व्यक्ति के शरीर का नाप लिया जा सकेगा. नाप में व्यक्ति का फिंगर प्रिंट, फुट प्रिंट, आंखों की आयरिश का नमूना, उसकी तस्वीर, जैविक सैम्पल जैसे खून का नमूना, उसके हस्ताक्षर आदि शामिल होगा।

मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद ये नमूने लिए जा सकेंगे. किसी पुलिस स्टेशन का थानाध्यक्ष या हेड कॉन्स्टेबल और जेल के हेड वार्डर से ऊपर रैंक का पुलिस अफ़सर नमूना ले सकेगा. नमूने से हासिल हुए आंकड़ों या डेटा को सुरक्षित रखने की ज़िम्मेदारी राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की होगी।

75 सालों तक इन आंकड़ों को सुरक्षित रखा जा सकेगा जिसके बाद इसे खत्म कर दिया जाएगा. हालांकि सज़ा पूरी होने या कोर्ट से बरी होने की स्थिति में डेटा को पहले भी ख़त्म किया जा सकेगा।

नया बिल 1920 के Identification of Prisoners Act को ख़त्म कर नया क़ानून बनाने के लिए लाया गया है. विपक्ष ने आशंका जताई कि जैविक सैम्पल लेने के बहाने सरकार डीएनए सैम्पल इकठ्ठा करने की कोशिश करेगी जो क़ानून के ख़िलाफ़ है. सरकार का कहना है कि अपराध की जांच और उसे रोकने की दृष्टि से बिल में किए गए प्रावधान बेहद ज़रूरी हैं।

चर्चा के सदन में कुछ हल्के-फुल्के पल भी देखने को मिले. जब बिल पर चर्चा की शुरुआत में अमित शाह अपनी बात रख रहे थे तब टीएमसी के सांसद ने उनसे कहा कि अमित शाह जिस अंदाज में बात करते हैं उससे डर लगता है. इसपर अमित शाह ने तपाक से जवाब देते हुए कहा कि वो कभी डराते नहीं बल्कि उनकी आवाज़ थोड़ी ऊंची है. अमित शाह ने मजाकिया अंदाज़ में कहा कि उनमें मैन्यूफैक्चरिंग डिफैक्ट है।

Tags: Criminal ProcedureIdentification BillIdentification of Prisoners Actबिल में क्या है प्रावधान
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