Lok Sabha Elections 2024 : एक समय था जब गाजीपुर (Ghazipur) में बीजेपी नेताओं की जुबान पर मुख्तार, अफजाल, उमर और अब्बास यही सब नाम होते थे। लेकिन अब समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के सांसद अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) ने लोकसभा चुनाव के दौरान एक और बड़ा दांव खेला है। दरअसल अब उन्होंने घर के एक और सदस्य को सियासी मैदान में उतारा है। बुधवार को सपा कार्यालय में हुई इंडी गठबंधन (INDI Alliance) की बैठक में उन्होंने अपनी बेटी नुसरत (Nusrat Ansari) को अपना राजनीतिक वारिस बताया। नुसरत को लेकर पहले भी चर्चाएं जोरों पर थीं, अब बैठक में परिचय के बाद इस बात पर मुहर भी लग गई है।
Afzal Ansari ने Nusrat को बताया वारिस
नुसरत को अपना वारिस बताने के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल है और इसके कई और मायने भी निकाले जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि शायद अफजाल अंसारी को कोर्ट से ज्यादा राहत की उम्मीद नहीं है जिसकी वजह से उन्होंने अपनी बेटी को मैदान में उतारा है। बता दें कि अफजाल अंसारी की बेटी नुसरत पिछ्ले कई दिनों से पिता के चुनाव प्रचार में जुटी हुई हैं।
कोर्ट के फैसले पर Afzal Ansari का भविष्य
आपको बता दें कि गाजीपुर एमपी/एमएलए कोर्ट ने अफजाल को गैंगस्टर एक्ट मामले में 4 साल की सजा सुनाई थी। जिसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और 2 मई को इसकी सुनवाई होनी थी लेकिन नहीं हो पाई। इसलिए कल 3 मई को दोपहर 2:00 बजे से जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच में इसकी सुनवाई होगी। सुनवाई के दौरान सबसे पहले अफजाल का पक्ष रखा जाएगा। उनके वकील दलीलें पेश करेंगे।
अंसारी परिवार की निगाहें इस फैसले पर टिकी हुई है। क्योंकि अफजाल अंसारी का राजनीतिक कैरियर कोर्ट के इस फैसले पर टिका हुआ है। अगर फैसला उनके पक्ष में नहीं आया तो वह चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
Nusrat है Afzal Ansari का बैकअप प्लान
इसलिए माना जा रहा है कि अपने बैकअप प्लान के तौर पर वह अपनी बेटी को महागठबंधन के प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतार सकते हैं और शायद इसीलिए बुधवार को अफजाल अंसारी ने सपा कार्यालय में अपनी बेटी नुसरत का परिचय कराया था।
अब BJP के निशाने पर Nusrat
परिचय के बाद बीजेपी भी अब नुसरत को ही अपना प्रतिद्वंदी मान रही है। इसलिए बीजेपी उम्मीदवार पारसनाथ राय के निशाने पर अब अफजाल की जगह उनकी बेटी नुसरत हैं। बीते दिनों उन्होंने नुसरत के मंदिर जाने और भजन-कीर्तन में शामिल होने को लेकर सवाल उठाए।
हालांकि कोर्ट के फैसले के बाद ये साफ हो जाएगा कि अफजाल अंसारी चुनाव लड़ पाएंगे या नहीं। अगर नहीं तो यहां से नुसरत की राजनीतिक पारी की शुरुआत होगी।