उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र के माफिया डॉन, बाहुबली नेता रहे मुख़्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की 28 मार्च की रात को तबियत ख़राब होने की वजह से बाँदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया जहाँ उसकी रात को हार्ट अटैक आने से मौत ही गयी, उसकी मौत की खबर के बाद दिवंगत कृष्णानंद राय की पत्नी और उनके पुत्र 29 मार्च की सुबह बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन करने पहुंची.
अल्का राय को ग़ाज़ीपुर से उतार सकती है बीजेपी
सूत्रों के हवाले से खबर या रही है कि कृष्णनन्द राय कि पत्नी और भाजपा नेता अल्का राय को भाजपा ग़ाज़ीपुर से उम्मीदवार बना सकती है, आपको बात दें कि समाजवादी पार्टी ने ग़ाज़ीपुर से मौजूदा सांसद और दिवंगत मुख्तार अंसारी के भाई अफजल अंसारी को को उम्मीदवार बनाया है जो 2019 के चुनावों मे बीजेपी के खिलाफ बीएसपी-सपा के गटबंधन में बीएसपी के कोटे से कद्दावर नेता मनोज सिन्हा को हराकर सांसद बने थे.
सुबह सुबह मंदिर पहुंची अल्का राय
शुक्रवार को कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय और उनके बेटे पीयूष राय ने काशी विश्वनाथ मंदिर का दर्शन किया है। अलका राय ने इस दौरान कहा कि हम बहुत खुश हैं। बाबा की कृपा महाराज योगी जी का आशीर्वाद प्राप्त हुआ है।ये न्याय भगवान का है। विरोधी पक्ष कुछ भी कह सकता है। वह पंजाब की जेल में अपराध करता था। लेकिन यूपी ने न्याय पाया है। वह अत्याचारी था और मर गया।पीयूष ने कहा कि आज उनके लिए खुशी का दिन है और ये दिवाली है। कम नहीं.
इस मौके पर कृष्णानंद राये के पुत्र ने मीडिया से बात करते हुए कहा की जब हमें पता चला की मुख़्तार अंसारी की मौत हो गयी है उस समय हमने भगवान को धन्यवाद कहा ख़ुशी जताई, हमें बर्षों बाद न्याय मिला है.
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कौन थे कृष्णानंद राय जिनकी हुई थी हत्या?
कृष्णानंद राय भाजपा के विधायक थे जो 2002 के विधानसभा चुनावों में राय ने मुख़्तार के अफ़ज़ाल अंसारी को हरा दिया था जिन्हे ग़ाज़ीपुर जिले की मोहमदाबाद विधानसभा पर अजय मन जाता था, यहीं से कृष्णानंद राय की मुख़्तार अंसारी से अदावत शुरू हो गयी. बताया तो ये भी जाता है की बनारस के बाहुबली डॉन और मुख़्तार अंसारी के चिर दुश्मन बृजेश सिंह से गहरी दोस्ती भी इनके बीच दुश्मनी का कारण बनी.
29 नवंबर 2005 को जब मौजूदा विधायक कृष्णानंद राय करीमुद्दीनपुर थाना क्षेत्र के सेनारी गाँव में एक क्रिकेट टूर्नामेंट के उद्द्घाटन में जा रहा है. बारिश के कारण और पक्की सड़क ना होने की वजह से कृष्णानंद राय अपनी बुलेट प्रूफ गाडी ना लेकर एक आम गाडी में जा रहे थे. उस समय रास्ते में उनकी गाडी घेर कर हमला किया गया और करीब 500 गोलियां चलायीं गयी जिसमे कृष्णानंद राय समेत 7 लोगों की मौत हुई थी.
कहा तो ये जाता है की मुख़्तार अंसारी फ़ोन पर लगातार साड़ी घटनाओं की जानकारी ले रहा था, पुलिस रिपोर्ट की माने तो हत्यारे उनकी शिखा काट कर एक निशानी के तौर पर ले गए थे