Lucknow Viral: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक हैरतअंगेज़ फर्जीवाड़ा सामने आया है, जहां सीआईडी (CID) खंड Lucknow और थाना चिनहट पुलिस की संयुक्त टीम ने एक शातिर जालसाज को गिरफ्तार किया है। यह ‘मास्टरमाइंड’ खुद को 2014 बैच का आईएएस अधिकारी बताकर लोगों को सरकारी नौकरी का झांसा देता था और उसने अब तक करीब 150 लोगों से 80 करोड़ रुपये की ठगी की है। आरोपी की पहचान झारखंड निवासी डॉ. विवेक मिश्रा उर्फ विवेक आनन्द मिश्रा के रूप में हुई है।
यह ठग कथित तौर पर गुजरात कैडर का फर्जी IAS-IPS अधिकारी बनकर भोले-भाले लोगों को अपना शिकार बनाता था। इस बड़ी कार्रवाई से उन पीड़ितों को न्याय की उम्मीद जगी है, जिन्हें सरकारी नौकरी के सपने दिखाकर लूटा गया था। गिरफ्तारी Lucknow के कमता चौराहे के पास बस स्टेशन के निकट से हुई है और आरोपी के खिलाफ विधिक कार्यवाही शुरू कर दी गई है। यह मामला दिखाता है कि कैसे शातिर ठग बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा कर रहे हैं।
ठगी का पर्दाफाश और शिकायत
इस बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता डॉ. आशुतोष मिश्रा ने 24 जुलाई 2019 को चिनहट थाने में आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि विवेक मिश्रा सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर लोगों से मोटी रकम वसूलता था। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि आरोपी ने विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने का भरोसा देकर 150 से अधिक लोगों से करीब ₹80 करोड़ हड़प लिए। शिकायत के बाद मामले की जांच पहले आर्थिक अपराध संगठन (EOW) को सौंपी गई थी, लेकिन बाद में शासन के आदेश पर इसे सीबीसीआईडी (CB-CID) को हस्तांतरित कर दिया गया।
ठगी का तरीका
सीबीसीआईडी की जांच के अनुसार, आरोपी विवेक खुद को गुजरात सरकार में सचिव के पद पर तैनात बताता था। वह अपनी साख मजबूत करने के लिए यह भी दावा करता था कि उसकी बहनें गुजरात कैडर की आईपीएस अधिकारी हैं।
विवेक खास तौर पर सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाकर सीधे-साधे परिवारों की युवतियों को निशाना बनाता था। वह युवतियों को शादी का प्रस्ताव देकर उनके परिवारों से नजदीकियां बढ़ाता और फिर उन्हें या उनके परिजनों को सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर लाखों रुपये ऐंठ लेता था। आरोपी ठगी के बाद लोगों को फर्जी नियुक्ति पत्र भी जारी करता था ताकि वे भ्रम में रहें।
गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई
शिकायतकर्ता डॉ. आशुतोष मिश्रा ने अपने जूनियरों को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर विवेक को करीब 4.5 लाख रुपये दिए थे। इस दौरान, आशुतोष ने खुद अपने चार जूनियरों की मदद से विवेक की सच्चाई जानने के लिए निजी जांच शुरू की, जिससे इस बड़े रैकेट का खुलासा हुआ।
Lucknow पुलिस ने आरोपी विवेक मिश्रा को लखनऊ के कमता चौराहे के पास बस स्टेशन के निकट से गिरफ्तार किया है। आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 506, 471, 467, 468, और 420 (धोखाधड़ी, जालसाजी, और आपराधिक धमकी) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस अब मामले में विवेक के अन्य संभावित सहयोगियों की भूमिका की भी जांच कर रही है। यह गिरफ्तारी उन लोगों के लिए एक बड़ी राहत है जो सरकारी नौकरी के लालच में इस शातिर ठग का शिकार बने थे।