Akhilesh Yadav: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को भाजपा पर तीखा हमला किया, आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी संविधान से बनी हर चीज को उलटने का प्रयास कर रही है। लोहिया की पुण्यतिथि पर गोमती नगर स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया पार्क में आयोजित एक कार्यक्रम में यादव ने भाजपा के नेताओं पर धर्म और जातियों के बीच विभाजन करके राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने सपा कार्यकर्ताओं को समाजवादी विचारधारा की याद दिलाते हुए कहा कि लोहिया ने भेदभाव और जातिवाद के खिलाफ संघर्ष किया और उनके सपनों का समाजवादी भारत बनाने का संकल्प लिया।
Lucknow, Uttar Pradesh: Samajwadi chief Akhilesh Yadav reacts to UP govt stopping him from garlanding Jayaprakash Narayan at JPNIC, says, "…In front of the Jayaprakash Narayan International Center, BJP's development still appears lackluster…The parks stand as a testament to… pic.twitter.com/DMWW3jTPr1
— IANS (@ians_india) October 12, 2024
अपने संबोधन में Akhilesh Yadav ने भाजपा की नीतियों को विनाशकारी बताते हुए कहा, “यह वे लोग हैं जो नफरत की राजनीति करते हैं और सामाजिक भेदभाव को बढ़ावा देते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि लोहिया का सपना था एक ऐसा समाज जहां भेदभाव और जातिवाद का कोई स्थान न हो। यादव ने कहा, “हम लोहिया के सिद्धांतों पर चलते हुए एक ऐसा समाज बनाने का प्रयास करेंगे, जहां गरीबी और भेदभाव का कोई स्थान न हो।”
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Akhilesh Yadav ने लोहिया को नमन करते हुए कहा कि उन्होंने हर स्तर पर भेदभाव का विरोध किया। उन्होंने लोहिया की “दाम बांधो नीति” का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे महंगाई और गरीबी को दूर किया जा सकता है। लोहिया ने सप्तक्रांति के माध्यम से समाज में खुशहाली का मार्ग प्रशस्त किया था, जिसे सपा पूरी करने का प्रयास कर रही है।
अखिलेश यादव ने सरकार की आर्थिक नीतियों पर भी सवाल उठाए, कहा कि जब भाजपा कहती है कि हमारी अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर की है, तो ‘हंगर इंडेक्स’ पर भारत का 105 वां स्थान क्या दर्शाता है? उन्होंने रेलवे में सुधार की बड़े-बड़े दावों पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि परिणामस्वरूप ट्रेन दुर्घटनाएं रिकॉर्ड तोड़ रही हैं।
कार्यक्रम के दौरान, सपा कार्यकर्ताओं ने लोहिया की मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। विभिन्न जनपदों और अन्य प्रदेशों में भी समाजवादी पार्टी के कार्यालयों में लोहिया को याद किया गया। यह कार्यक्रम सपा के लिए एक अवसर था, जहां उन्होंने लोहिया की विचारधारा को फिर से जीवित करने का संकल्प लिया।