Jankipuram Engineer Murder Case: लखनऊ के जानकीपुरम सेक्टर-G में लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे इंजीनियर सूर्य प्रताप सिंह (लगभग 40 वर्ष) की हत्या के मामले में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। उनकी लिव-इन पार्टनर रत्ना (38) और उसकी दो नाबालिग बेटियों ने लगभग 20 घंटे चली अलग-अलग पूछताछ में अपराध स्वीकार कर लिया। तीनों के बयान एक जैसे मिले, जिससे पूरे घटनाक्रम की पुष्टि हो गई।
आरोपियों ने बताया कि वे कई महीनों से घरेलू हिंसा और खासकर बड़ी बेटी के साथ होने वाली छेड़छाड़ से परेशान थीं।
बेटियों पर लगातार अत्याचार का आरोप
पुलिस पूछताछ में रत्ना और उसकी दोनों बेटियों ने बताया कि सूर्य प्रताप अक्सर दोनों लड़कियों को पीटता था और उन्हें घर में बंद रखता था। वह बाहर जाने नहीं देता था और बिना किसी बात के गाली-गलौज करता था।
सबसे गंभीर आरोप यह लगा कि वह बड़ी बेटी को गलत नजर से देखता था और कई बार उसे गलत तरीके से छूता था। जब लड़की इसका विरोध करती, तो वह उसे बेहद बेरहमी से मारता था।
7 दिसंबर की रात क्या हुआ?
रत्ना और बेटियों के मुताबिक, 7 दिसंबर की शाम सूर्य प्रताप घर लौटा और बड़ी बेटी का मोबाइल चेक किया। एक लड़के के साथ तस्वीर देखकर वह भड़क गया। रात करीब 11 बजे उसने लड़की को बुरी तरह पीटा और अपने कमरे में खींचकर ले गया, जहां उसने उसके साथ छेड़छाड़ की। रत्ना और छोटी बेटी ने किसी तरह उसे छुड़ाया, लेकिन इस दौरान तीनों बुरी तरह घायल हो गईं। पूरा परिवार भय और गुस्से में था। उसी रात तीनों ने हत्या की योजना बनाई।
सुबह 5 बजे की वारदात
8 दिसंबर की सुबह करीब 5 बजे, जब सूर्य प्रताप गहरी नींद में था, तीनों उसके कमरे में पहुंचीं। दोनों बेटियों ने उसके हाथ-पैर पकड़ लिए और रत्ना ने चाकू से उसका गला काट दिया। कुछ ही मिनटों में उसकी मौत हो गई।
हत्या के बाद तीनों ने कुछ समय घर के बाहर बैठकर स्थिति संभालने की कोशिश की। उसके बाद रत्ना ने खुद ही पुलिस कंट्रोल रूम पर कॉल कर अपनी बात बताई।
पुलिसया कार्रवाई
पुलिस ने तुरंत रत्ना को गिरफ्तार कर लिया। दोनों नाबालिग बेटियों को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सामने पेश किया गया। 9 दिसंबर को रत्ना को जेल भेज दिया गया और दोनों बेटियों को जुवेनाइल होम भेजा गया।
पुलिस का कहना है कि तीनों के बयान एकदम मेल खाते हैं, इसलिए घरेलू हिंसा और यौन शोषण को हत्या की मुख्य वजह माना जा रहा है।
