लखनऊ में Ansal API पर ठगी के दो और केस, फर्जी बैनामों से 33 करोड़ से ज्यादा की चपत

लखनऊ में अंसल एपीआई पर ठगी के दो नए मामले दर्ज हुए हैं। 33 करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी और फर्जी बैनामे के आरोप लगे हैं। अब तक कंपनी के खिलाफ 240 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं।

Ansal API fraud: लखनऊ में अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (अंसल एपीआई) पर ठगी के मामलों की फेहरिस्त और लंबी होती जा रही है। सुशांत गोल्फ सिटी थाने में कंपनी के खिलाफ दो और एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिनमें 33.60 करोड़ और 14 लाख रुपये की ठगी के गंभीर आरोप हैं। अब तक अंसल एपीआई के खिलाफ दर्ज मामलों की कुल संख्या 240 हो चुकी है। एक मामले में निदेशक आलोक चंद्रा ने आरोप लगाया कि उनकी पहले से खरीदी गई जमीन को दोबारा फर्जी बैनामे के ज़रिए बेच दिया गया। वहीं दूसरी शिकायत में ऋतु करोली ने 11 साल पहले प्लॉट बुक कर रकम जमा कराने के बावजूद कब्जा या धनवापसी न मिलने की बात कही है।

पहला मामला: रजिस्ट्री के बावजूद दोबारा बेच दी जमीन

Ansal API पर दर्ज ताजा मामलों में एक शिकायत मेसर्स चन्द्रा मॉडर्न बिल्डर्स (इंडिया) प्रा.लि. के निदेशक आलोक चंद्रा की ओर से आई है। उन्होंने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उन्होंने सुशांत गोल्फ सिटी परियोजना में A, B, C और D चार टावरों की कुल 42,684.17 वर्ग मीटर जमीन 33.60 करोड़ रुपये में खरीदी थी। सभी दस्तावेज वैध रूप से उपनिबंधक कार्यालय, सरोजनी नगर में रजिस्टर्ड थे।

लेकिन 5 जुलाई को पता चला कि टावर A के अंतर्गत आने वाली 1,200 वर्ग मीटर भूमि को अंसल एपीआई के अधिकारियों प्रणव अंसल, नीरज झा और कमलेश सिंह ने बालकृष्ण नामक व्यक्ति को दोबारा बेंच दिया है। शिकायत में फर्जी बैनामे और कूटरचित दस्तावेजों के ज़रिए धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है।

दूसरा मामला: 11 साल से न प्लॉट मिला, न पैसे लौटे

दूसरी शिकायतकर्ता ऋतु करोली ने बताया कि उन्होंने 2013 में सुशांत गोल्फ सिटी के P-ब्लॉक में 162 वर्ग मीटर का प्लॉट बुक किया था। इसके लिए उन्होंने 14 लाख रुपये से ज्यादा की रकम जमा की, लेकिन 11 साल बीतने के बावजूद न तो उन्हें प्लॉट मिला और न ही रिफंड। अब उन्हें खबर मिली कि अंसल एपीआई दिवालियापन की प्रक्रिया (NCLT) में चला गया है, जिससे हजारों खरीदारों की उम्मीदों को गहरा झटका लगा है।

240 एफआईआर और कई एजेंसियों की जांच

लखनऊ में Ansal API के खिलाफ दर्ज मामलों की कुल संख्या 240 तक पहुंच चुकी है। इनमें अधिकतर मामले प्लॉट, फ्लैट और कमर्शियल स्पेस से जुड़ी ठगी के हैं। इन मामलों में कई अधिकारियों को नामजद किया गया है और कुछ के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा (EOW) व प्रवर्तन निदेशालय (ED) पहले से जांच कर रहे हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि Ansal API द्वारा फर्जी बैनामा, कब्जा न देना, और पैसे हड़पने जैसे मामले एक संगठित आर्थिक साजिश की ओर इशारा करते हैं। आने वाले दिनों में इस घोटाले में और बड़े खुलासे हो सकते हैं।

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