Lucknow में बढ़े सर्किल रेट से महंगी होंगी प्रॉपर्टी, इनकम टैक्स वसूली में भी होगी बढ़ोतरी

लखनऊ में 1 अगस्त से सर्किल रेट बढ़ने जा रहे हैं, जिससे प्रॉपर्टी खरीदना महंगा होगा। स्टांप ड्यूटी बढ़ने से इनकम टैक्स वसूली भी तेजी से बढ़ेगी। खरीदारों और विक्रेताओं दोनों पर टैक्स विभाग की नजर रहेगी।

Lucknow

Lucknow circle rate: लखनऊ में 1 अगस्त से सर्किल रेट बढ़ने जा रहे हैं, जिससे प्रॉपर्टी खरीदना पहले से ज्यादा महंगा हो जाएगा। निबंधन विभाग की नई प्रस्तावित दरों के अनुसार, अब लगभग 60% खरीदारों को 30 लाख रुपये से अधिक की स्टांप ड्यूटी चुकानी पड़ेगी। जैसे ही किसी प्रॉपर्टी की स्टांप ड्यूटी 30 लाख रुपये पार करती है, रजिस्ट्री कार्यालय से यह जानकारी इनकम टैक्स विभाग को भेज दी जाती है, जिससे टैक्स विभाग खरीदार और विक्रेता की आय की जांच कर सकता है। सर्किल रेट में 15% से 177% तक बढ़ोतरी प्रस्तावित है, जो इनकम टैक्स की वसूली में भी बड़ा बदलाव ला सकती है। इससे लखनऊ के रियल एस्टेट बाजार में बड़ी हलचल होने की संभावना है।

सर्किल रेट में बढ़ोतरी से टैक्स वसूली पर असर

Lucknow में 1 अगस्त से सर्किल रेट में भारी इजाफा होने जा रहा है। Lucknow निबंधन विभाग के अनुसार, नई दरों के लागू होते ही शहर के लगभग 60% प्रॉपर्टी खरीदारों को 30 लाख रुपये से ज्यादा स्टांप ड्यूटी देनी होगी। जैसे ही स्टांप ड्यूटी इस सीमा को पार करती है, रजिस्ट्री कार्यालय से इनकम टैक्स विभाग को रियल टाइम में जानकारी दी जाती है। इनकम टैक्स विभाग इसी आधार पर खरीदार और विक्रेता को नोटिस भेजकर टैक्स की जांच करता है। इससे सरकार को इनकम टैक्स वसूली में बड़ा फायदा होगा।

अंसल, एमार टाउनशिप में सबसे बड़ी बढ़ोतरी

नई सूची के अनुसार, अंसल और एमार टाउनशिप में सर्किल रेट को 18,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर से बढ़ाकर 50,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर करने की तैयारी है। इससे यहां प्रॉपर्टी खरीदने वालों पर स्टांप ड्यूटी का बड़ा भार पड़ेगा और 30 लाख की सीमा पार करना आसान हो जाएगा। पुराने शहर के इलाकों जैसे आलमबाग, सिंगारनगर, ठाकुरगंज, और डालीगंज में 15% से 20% तक ही सर्किल रेट बढ़ाए जाने की योजना है।

विक्रेता की आमदनी पर भी रहेगी नजर

Lucknow टैक्स बार असोसिएशन के कोषाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह चौहान के अनुसार, इनकम टैक्स विभाग अब विक्रेता की आय पर भी नजर रखेगा। खरीदार को भी यह साबित करना होगा कि प्रॉपर्टी के लिए धन का स्रोत क्या है। यदि खरीदार यह प्रमाण नहीं दे पाता तो उस पर स्टांप ड्यूटी का 20% अतिरिक्त टैक्स और 5-15% तक की पेनाल्टी लगाई जा सकती है। इससे प्रॉपर्टी लेन-देन में पारदर्शिता और कर वसूली दोनों में इजाफा होगा।

मानसून का असर: Delhi समेत 10 राज्यों में बारिश का अलर्ट, कई इलाकों में भारी बरसात की चेतावनी

Exit mobile version