Mobile Game Addiction Tragedy:उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के धनुवासाड़ गांव से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहाँ 14 वर्षीय यश यादव की जान ऑनलाइन गेम की लत ने ले ली। यश को मोबाइल पर गेम खेलना इतना पसंद था कि वह घंटों गेम खेलता रहता था। वह ऑनलाइन गेम खेलकर अमीर बनने का सपना देखता था। इसी लालच में उसने अपने पिता के बैंक खाते से धीरे-धीरे लाखों रुपये निकाल लिए। परिवार को तब पता चला जब बैंक जाकर पैसे निकालने की कोशिश की गई और खाता खाली मिला। यश ने कुल 13 लाख रुपये तक खर्च कर डाले थे।
परिवार की परेशानी
यश के पिता सुरेश कुमार यादव एक किसान हैं। यश घर का इकलौता बेटा था और कक्षा 6 में पढ़ता था। शुरुआत में गेम खेलना एक शौक था, लेकिन धीरे-धीरे यह लत बन गई। परिवार को तब झटका लगा जब बैंक मैनेजर ने बताया कि खाते में कोई बैलेंस नहीं है। पिता ने यश से पूछताछ की, लेकिन उसने चुप्पी साध ली। बाद में यश ने अपने कोचिंग शिक्षक को गेम में पैसे हारने की बात बता दी। सुरेश कुमार ने बताया कि दो साल पहले उन्होंने जमीन बेचकर पैसा बैंक में जमा किया था। पिछले महीने तक पैसे खाते में मौजूद थे, लेकिन अब पूरी तरह खाली हो चुके थे।
गुस्से में लिया खौफनाक कदम
जब परिवार को यश की आदत और खर्चे के बारे में पता चला तो उन्होंने उसे समझाने की कोशिश की। पिता ने डांटा भी, लेकिन यश कम उम्र का होने के कारण इसे बर्दाश्त नहीं कर पाया। गुस्से और मानसिक तनाव में उसने अपने कमरे में फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी। जब परिवार ने उसे देखा तो उसकी मौत से पूरा घर और गांव सदमे में डूब गया। किसान परिवार का इकलौता बेटा होने के कारण माता-पिता की सारी उम्मीदें उसी पर थीं। लेकिन एक मोबाइल गेम ने सब कुछ छीन लिया।
सीख और सावधानी
यह घटना एक चेतावनी है कि बच्चों में मोबाइल गेम की लत कितनी खतरनाक साबित हो सकती है। माता-पिता को अपने बच्चों पर नजर रखनी चाहिए, उनका समय नियंत्रित करना चाहिए और उन्हें सही मार्गदर्शन देना चाहिए। गेम खेलना बुरा नहीं है, लेकिन उसकी लत जीवन को बर्बाद कर सकती है। बच्चों को समय पर समझाना और उनकी भावनाओं का ध्यान रखना बहुत जरूरी है ताकि ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों।