Nation Prerna Sthal: भारतीय जनता पार्टी अब अपने वैचारिक मार्गदर्शकों और शीर्ष नेताओं की स्मृति को स्थायी रूप देने की दिशा में बड़ा कदम उठा रही है। पहली बार ऐसा हो रहा है जब पार्टी के तीन प्रमुख शिखर पुरुषों की 65 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमाएं एक ही परिसर में स्थापित की गई हैं। यह भव्य स्थल लखनऊ में 65 एकड़ क्षेत्र में विकसित किया गया है, जिस पर करीब 230 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इस पार्क को “राष्ट्र प्रेरणा स्थल” नाम दिया गया है।
अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पार्क का उद्घाटन किया । पार्क में जिन तीन नेताओं की प्रतिमाएं लगाई गई हैं, उनमें अटल बिहारी वाजपेयी, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय शामिल हैं। इससे पहले उत्तर प्रदेश में बसपा शासनकाल के दौरान लखनऊ और नोएडा जैसे शहरों में बड़े पार्कों और विशाल प्रतिमाओं का निर्माण कराया गया था।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विचारों को आगे बढ़ाती बीजेपी
श्यामा प्रसाद मुखर्जी भारतीय जनसंघ के संस्थापकों में से एक थे। उन्होंने और अटल बिहारी वाजपेयी ने कश्मीर को लेकर जो वैचारिक दिशा तय की थी, उसे बीजेपी ने वर्षों तक बनाए रखा। पार्टी ने कई राजनीतिक उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन “एक देश, एक संविधान, एक झंडा” के विचार से पीछे नहीं हटी।
2019 में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जब बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में लौटी, तो जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाकर इस विचार को जमीन पर उतार दिया गया।
दीनदयाल उपाध्याय और अंत्योदय की सोच
पंडित दीनदयाल उपाध्याय की राजनीति का केंद्र समाज का अंतिम व्यक्ति था। उनकी अंत्योदय की सोच का मतलब था कि विकास की पहली प्राथमिकता गरीब और कमजोर वर्ग हो। मोदी सरकार की उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत, जनधन योजना, मुफ्त राशन और प्रधानमंत्री आवास योजना इसी सोच का विस्तार मानी जाती हैं। इन योजनाओं के जरिए सरकार ने समाज के सबसे निचले तबके तक सुविधाएं पहुंचाने का दावा किया है।
अटल बिहारी वाजपेयी का लंबा राजनीतिक सफर
25 दिसंबर 1924 को जन्मे अटल बिहारी वाजपेयी देश के दसवें प्रधानमंत्री थे। वे तीन बार प्रधानमंत्री बने। वे एक कुशल राजनेता होने के साथ-साथ कवि, पत्रकार और ओजस्वी वक्ता भी थे। अटल जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में रहे और लंबे समय तक लखनऊ से सांसद रहे। संसद में उनका योगदान चार दशकों से भी अधिक का रहा।
दो अन्य महान व्यक्तित्व
श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 को हुआ था। वे शिक्षाविद, बैरिस्टर और राष्ट्रवादी नेता थे। नेहरू मंत्रिमंडल में उन्होंने मंत्री पद भी संभाला, लेकिन कश्मीर और पूर्वी पाकिस्तान के मुद्दे पर इस्तीफा दे दिया।
वहीं, पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितंबर 1916 को हुआ था। वे संघ के प्रचारक, विचारक और जनसंघ के अध्यक्ष रहे। 1968 में मुगलसराय स्टेशन पर उनकी रहस्यमयी परिस्थितियों में मृत्यु हो गई।
