Raja Kolander: लखनऊ की एक अदालत ने 25 साल पुराने सनसनीखेज डबल मर्डर केस में सीरियल किलर राजा कलंदर उर्फ राम निरंजन और उसके सहयोगी बच्छराज कोल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोनों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है और जुर्माना न चुकाने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। यह फैसला 22 वर्षीय मनोज कुमार सिंह और उनके ड्राइवर रवि श्रीवास्तव के अपहरण और हत्या के मामले में आया है।
25 साल पुराना डबल मर्डर केस
लखनऊ के नाका क्षेत्र में साल 2000 में मनोज कुमार सिंह और उनके ड्राइवर रवि श्रीवास्तव की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने 21 मार्च 2001 को चार्जशीट दाखिल की थी लेकिन कानूनी देरी के कारण मुकदमा मई 2013 में शुरू हुआ। जांच में पता चला कि दोनों की क्षत-विक्षत लाशें प्रयागराज के शंकरगढ़ जंगल क्षेत्र में मिली थीं। मनोज के भाई शिव शंकर सिंह ने एक भूरे रंग का कोट पहचान लिया जो राजा कलंदर (Raja Kolander) के घर से बरामद हुआ था। कोट पर रायबरेली के एक टेलर का लेबल था जिसने अपराध को पुख्ता करने में अहम भूमिका निभाई।
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राजा कलंदर की काली करतूतें
प्रयागराज के रहने वाले राजा कलंदर (Raja Kolander) जो कोल जनजाति से ताल्लुक रखता था, ने खुद को ‘कोल का राजा’ घोषित किया था। उस पर 14 लोगों की हत्या और नरभक्षण के आरोप हैं। उसके फार्महाउस से 14 मानव खोपड़ियां बरामद हुई थीं जिन्हें वह ट्रॉफी की तरह रखता था। उसने पत्रकार धीरेंद्र सिंह की हत्या के मामले में भी आजीवन कारावास की सजा काटी थी।
राजा कलंदर ने अपने बच्चों के नाम अदालत, जमानत और आंदोलन रखे थे जो उसकी विकृत मानसिकता को दर्शाता है। कलंदर की क्रूरता का भयानक रूप सामने आया था। उस पर नरभक्षी होने और मानव खोपड़ियां इकट्ठा करने का आरोप लगा। वह एक सीरियल किलर के रूप में कुख्यात हो गया था। कहा जाता है कि वह सिर काटकर ले जाता और मानव खोपड़ियों से सूप बनाकर पीता था।
लखनउ कोर्ट का फैसला
जज रोहित सिंह की अदालत ने 12 गवाहों के बयानों और सबूतों के आधार पर राजा कलंदर और बच्छराज को भारतीय दंड संहिता की धारा 364 (अपहरण), 396 (डकैती के साथ हत्या), 201 (सबूत मिटाने), 412 और 404 के तहत दोषी ठहराया। अभियोजन पक्ष ने इसे सुनियोजित अपराध बताया जिसमें अपहरण, लूट और हत्या शामिल थी।