Hussainganj dispute: राजधानी के हुसैनगंज इलाके में एक कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स के नीचे शिव मंदिर होने का दावा सामने आया है, जिससे Hussainganj स्थानीय लोग और हिंदू संगठनों में आक्रोश है। तीन दिन पहले ब्राह्मण संसद नामक हिंदूवादी संगठन ने लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) में शिकायत दर्ज कराई थी। संगठन ने दावा किया कि यह मंदिर 1885 में स्वर्गीय गजराज सिंह द्वारा निर्मित है और परिसर पूरी तरह अवैध है। इस पर कार्रवाई करते हुए LDA ने बिल्डर को नोटिस जारी कर मानचित्र और जरूरी दस्तावेज मांगे हैं। जोनल अधिकारी शशि भूषण पाठक ने मंगलवार को स्थल का निरीक्षण किया। LDA ने मामले की पूरी जांच का भरोसा दिया है और संतोषजनक जवाब न मिलने पर अवैध निर्माण को हटाने की कार्रवाई होगी।
शिकायत और ऐतिहासिक दावा
Hussainganj के दिलकुश परिसर के नीचे स्थित इस शिव मंदिर को लेकर विवाद तब बढ़ा, जब हिंदूवादी संगठन ने आरोप लगाया कि मंदिर को धीरे-धीरे हटाकर कॉम्प्लेक्स का निर्माण कर दिया गया। संगठन ने बताया कि यह मंदिर 1885 में गजराज सिंह ने अपनी जमीन पर बनवाया था। 1918 में पूजा अर्चना के लिए जिम्मेदारी दी गई थी, जो पुश्तैनी तौर पर पुजारियों को सौंप दी गई। मंदिर परिसर में पहले राधा-रानी मंदिर, बरगद का पेड़, और दुकानें थीं, जो मंदिर के खर्च का जरिया थीं।
मंदिर से जुड़े लोगों ने दावा किया कि 1993-94 में एक राजनीतिक नेता ने इस पर कब्जा कर लिया। तब से मंदिर की गतिविधियां बंद हो गईं। मंदिर पक्ष ने बताया कि तत्कालीन नगर मजिस्ट्रेट ने भी निर्माण कार्य रोकने के आदेश दिए थे, लेकिन उनका पालन नहीं हुआ।
एलडीए की कार्रवाई और जांच के पहलू
शिकायत पर कार्रवाई करते हुए LDA के जोनल अधिकारी शशि भूषण पाठक ने स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि जांच का मुख्य उद्देश्य यह है कि मंदिर कितना पुराना है और क्या परिसर में अवैध निर्माण हुआ है। इसके लिए परिसर के मानचित्र, मालिकाना हक, और अन्य दस्तावेज मांगे गए हैं। साथ ही, संतोषजनक जवाब न मिलने पर विधिक कार्रवाई की जाएगी।
LDA के सचिव विवेक श्रीवास्तव ने भी इस मुद्दे पर कहा कि विधिक प्रक्रिया के तहत जांच की जाएगी। जो भी निष्कर्ष सामने आएगा, उसके आधार पर उचित कदम उठाए जाएंगे।
स्थानीय लोगों और संगठनों की प्रतिक्रिया
ब्राह्मण संसद के अध्यक्ष अमरनाथ मिश्रा ने बताया कि अब यहां हिंदुओं को पूजा करने से रोका जा रहा है। उन्होंने मांग की है कि मंदिर को वापस हिंदू समाज को सौंपा जाए। इस प्रकरण ने स्थानीय लोगों में भी नाराजगी बढ़ा दी है।
Hussainganj लोगों और संगठन की मांगों के बीच LDA की जांच रिपोर्ट का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। यदि अवैध निर्माण की पुष्टि होती है, तो इसे हटाने की प्रक्रिया तेज हो सकती है।