Gomtinagar railway station: उत्तर प्रदेश के लखनऊ का गोमतीनगर रेलवे स्टेशन अब एक नए दौर में प्रवेश कर चुका है। यह राज्य का पहला ऐसा स्टेशन बन गया है जिसे निजी कंपनियों के हाथों सौंपा गया है। इस बदलाव का उद्देश्य यात्रियों को वर्ल्ड क्लास सुविधाएं देना है, जिसमें स्टेशन की साफ-सफाई, खानपान, रखरखाव, पार्किंग और अन्य यात्री सेवाएं शामिल हैं। हालांकि ट्रेन संचालन, टिकटिंग और सुरक्षा जैसी मुख्य सेवाएं अभी भी भारतीय रेलवे के पास रहेंगी। रेलवे बोर्ड की योजना है कि इस मॉडल के जरिए यात्री अनुभव को बेहतर किया जाए। लेकिन इस निजीकरण से कुछ यात्रियों और विशेषज्ञों में सेवा लागत बढ़ने को लेकर चिंता भी देखी जा रही है।
गोमतीनगर स्टेशन पर अब प्राइवेट कंपनियों की जिम्मेदारी
लखनऊ का Gomtinagar स्टेशन, जो रोजाना 76 ट्रेनों की आवाजाही से व्यस्त रहता है, अब निजी हाथों में सौंपा जा चुका है। यह स्टेशन अब उत्तर प्रदेश का पहला प्राइवेट रेलवे स्टेशन बन गया है। यहां की सफाई, रखरखाव, खानपान, पार्किंग और यात्रियों के लिए उपलब्ध सुविधाएं अब प्राइवेट कंपनियों द्वारा संचालित की जाएंगी। ट्रेन संचालन, सुरक्षा और टिकट बिक्री जैसी बुनियादी सेवाएं अब भी भारतीय रेलवे द्वारा ही संभाली जाएंगी।
यात्रियों को मिलेंगी वर्ल्ड क्लास सुविधाएं
रेलवे बोर्ड ने इस कदम को एक नई शुरुआत बताया है। रेल लैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (RLDA) को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वह निजी कंपनियों को आमंत्रित करे, जो स्टेशन का कायाकल्प करें। बोर्ड के कार्यकारी निदेशक अनवर हुसैन ने जानकारी दी कि कंपनियों को पहले तीन साल तक स्टेशन को बेहतर बनाने के लिए समय मिलेगा और फिर 9 वर्षों तक स्टेशन संचालन के लिए लाइसेंस मिलेगा। इन कंपनियों द्वारा अर्जित लाइसेंस शुल्क का 15% RLDA और 85% भारतीय रेलवे को मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने किया था उद्घाटन, बढ़ेगी सेवाओं की गुणवत्ता
Gomtinagar स्टेशन का उद्घाटन खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। यह स्टेशन लखनऊ के व्यस्ततम यातायात केंद्रों में से एक है, जहां से गोरखपुर, छपरा और बरौनी जैसी जगहों के लिए ट्रेनें चलती हैं। रेलवे का कहना है कि प्राइवेट मॉडल के तहत स्टेशन पर यात्रियों को हवाईअड्डों जैसी सुविधाएं देने की योजना है—जैसे स्वचालित एस्केलेटर, अत्याधुनिक प्रतीक्षालय, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, और हाई-टेक टॉयलेट्स।
लागत बढ़ने की आशंका से यात्रियों में चिंता
जहां एक ओर यह कदम यात्रियों को अत्याधुनिक सुविधाएं देने की दिशा में अग्रसर है, वहीं कुछ लोगों को इस बात की चिंता भी है कि निजीकरण के बाद सेवाओं की कीमतें बढ़ सकती हैं। पार्किंग चार्ज, खानपान की कीमतें या वेटिंग एरिया की बुकिंग महंगी हो सकती है, जिससे मध्यमवर्गीय यात्रियों पर असर पड़ेगा। हालांकि रेलवे ने स्पष्ट किया है कि टिकट किराया और बुनियादी यात्रा सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
गोमतीनगर स्टेशन पर निजीकरण की शुरुआत एक मॉडल के रूप में की गई है, जिससे आने वाले समय में देश के अन्य प्रमुख स्टेशनों पर भी इसी तरह का बदलाव देखने को मिल सकता है। यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, लेकिन निगरानी और संतुलन बनाए रखना जरूरी होगा ताकि सेवा की गुणवत्ता और लागत के बीच संतुलन बना रहे।