Yusuf Pathan Visit Lucknow: पूर्व भारतीय क्रिकेटर और तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद यूसुफ़ पठान रविवार को अपनी पत्नी आफरीन के साथ लखनऊ पहुंचे, जहाँ उन्होंने शहर की पुरानी संस्कृति, ऐतिहासिक इमारतों और नवाबी अंदाज़ का गहराई से अनुभव लिया। लखनऊ पहुंचते ही उन्होंने कहा कि इस शहर को करीब से देखने की उनकी लंबे समय से इच्छा थी।
छोटा इमामबाड़ा की शान देख हुए प्रभावित
उनकी यात्रा की शुरुआत पुराने लखनऊ के विख्यात छोटा इमामबाड़ा से हुई। यहां के चमकते झूमर, कीमती नक्काशी और बारीक स्थापत्य को देखकर यूसुफ़ पठान काफी प्रभावित दिखे। उन्होंने इमारत से जुड़े इतिहास, इसके निर्माण की खासियत और नवाबी दौर की अनोखी शैली के बारे में विस्तार से जाना। इस दौरे के बाद यूसुफ़ और आफरीन नवाब मसूद अब्दुल्ला के आवास पहुंचे, जहाँ उन्हें कश्मीरी चाय और लखनऊ का खास मक्खन (नमश) परोसा गया। स्वाद लेते हुए उन्होंने मुस्कराकर कहा, “वाह, कमाल का स्वाद है!”
बड़ा इमामबाड़ा, भूलभुलैया और घड़ीघर का भी देखा
आगे चलकर दंपति बड़ा इमामबाड़ा, भूलभुलैया, ऐतिहासिक घड़ीघर और टीले वाली मस्जिद भी पहुंचे।भूलभुलैया के पेचीदा रास्तों और बड़े इमामबाड़े की भव्यता ने उन्हें खासा आकर्षित किया। विशेषज्ञों ने उन्हें इन सभी धरोहरों की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक अहमियत के बारे में और भी जानकारी दी।
नवाबी रहन-सहन और तहज़ीब पर खुली चर्चा
यूसुफ़ पठान ने शीशमहल में स्थित नवाब मसूद अब्दुल्ला के घर पर एक घंटे से ज्यादा समय बिताया। इस दौरान टीले वाली मस्जिद के इमाम मौलाना फ़ज़लुल मन्नान सहित कई सामाजिक और धार्मिक प्रतिनिधि मौजूद रहे। यहां लखनऊ की गंगा-जमुनी तहज़ीब, नवाबी दौर की जीवनशैली, साहित्य, संगीत, पकवान, चिकनकारी कला और नवाब आसिफ-उद-दौला के समय की विरासत पर गहरी चर्चा हुई। नवाब मसूद अब्दुल्ला के अनुसार, यूसुफ़ पठान लखनऊ की संस्कृति को बहुत सम्मान देते हैं और इसे और अधिक समझने में दिलचस्पी रखते हैं।
“लखनऊ किताबों से ज्यादा खूबसूरत है” शहर की तारीफ करते हुए यूसुफ़ पठान ने कहा कि लखनऊ उन्हें वास्तविकता में किताबों से कहीं अधिक सुंदर लगा। उन्होंने यहां के लोगों की मेहमाननवाज़ी, खानपान, कला और तहज़ीब को दिल छू लेने वाला बताया। पठान दंपति ने लखनऊ दोबारा आने की इच्छा भी जताई।
