Made in India App Arattai: अरटटाई की लोकप्रियता काफी तेजी से बढ़ी है।देश में बने नए मैसेजिंग ऐप “अरटटाई” (Arattai) ने अचानक खूब सुर्खियां बटोरी हैं। इसे भारतीय कंपनी Zoho ने तैयार किया है। सुप्रीम कोर्ट में जब इसका जिक्र हुआ, तो इसके डाउनलोड्स में जबरदस्त उछाल देखा गया। सितंबर में इसके डाउनलोड्स में 100 गुना बढ़ोतरी हुई।
3 अक्टूबर तक इसे करीब 75 लाख बार डाउनलोड किया जा चुका था। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने भी इस ऐप का इस्तेमाल शुरू किया और लोगों से “देसी ऐप्स अपनाने” की अपील की।
क्यों बना यह ऐप चर्चा का विषय?
अरटटाई अचानक इसलिए चर्चाओं में आया क्योंकि यह पूरी तरह ‘मेड इन इंडिया’ ऐप है। इसका डिज़ाइन प्राइवेसी-फ्रेंडली है और सरकार के “लोकल फॉर वोकल” अभियान को समर्थन देता है। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा
“Zoho द्वारा विकसित अरटटाई ऐप मुफ़्त, सुरक्षित, आसान और पूरी तरह भारतीय है। मैं सभी से आग्रह करता हूं कि दोस्तों और परिवार से जुड़ने के लिए भारतीय ऐप्स का इस्तेमाल करें।”
किस फोन पर चलेगा यह ऐप?
अरटटाई की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह लो-बैंडविड्थ कनेक्शन में भी अच्छी तरह काम करता है। यानी, जिन इलाकों में इंटरनेट कनेक्शन कमजोर है, वहां भी यह ऐप सुचारू रूप से चलता है। यह एंड्रॉयड और आईफोन दोनों पर उपलब्ध है और बहुत कम डाटा खपत करता है। इसलिए यह ग्रामीण इलाकों के यूज़र्स के लिए भी बेहद उपयोगी साबित हो रहा है।
क्या-क्या फीचर्स हैं इसमें?
अरटटाई में वे सारे फीचर्स मौजूद हैं, जो किसी आधुनिक चैट ऐप में होने चाहिए
वन-टू-वन और ग्रुप चैट: दोस्तों और परिवार से बातचीत की सुविधा।
वॉयस नोट्स, इमेज, वीडियो शेयरिंग: फोटो, ऑडियो और वीडियो भेजने की सुविधा।
ऑडियो और वीडियो कॉल: एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन के साथ सुरक्षित कॉलिंग।
मल्टी-डिवाइस सपोर्ट: मोबाइल, डेस्कटॉप और यहां तक कि एंड्रॉयड टीवी पर भी चलता है।
ब्रॉडकास्ट चैनल्स: क्रिएटर्स, बिज़नेस और इंफ्लुएंसर्स के लिए खास फीचर।
कंपनी का दावा है कि वह यूज़र्स का डेटा किसी बिज़नेस या मुनाफे के लिए इस्तेमाल नहीं करेगी। यही वजह है कि इसे एक प्राइवेसी-सेफ ऐप माना जा रहा है।
क्या यह वॉट्सऐप की जगह ले पाएगा?
हालांकि, अरटटाई में कई फीचर्स वॉट्सऐप जैसे हैं, लेकिन अभी यह पूरी तरह उसका विकल्प नहीं बन पाया है। इसमें कुछ कमियां हैं, जैसे मैसेजिंग के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन (E2EE) अभी पूरी तरह लागू नहीं हुआ है। फिर भी, प्राइवेसी और भारतीय डिज़ाइन की वजह से यह वॉट्सऐप का मजबूत देसी विकल्प बनकर उभर रहा है।