MahaKumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 में इस बार देश दुनिया के कई श्रद्धालु और बड़े से बड़े सेलिब्रिटी भी शामिल हो रहे हैं। इस महाकुंभ में आस्था और श्रद्धा की डुबकी लगाने के लिए बॉलीवुड और टीवी जगत के सितारे भी पहुंच रहे हैं। अनुपम खेर, रेमो डिसूजा, गुरु रंधावा जैसे कई प्रसिद्ध नाम पहले ही संगम में डुबकी लगा चुके हैं। अब इस कड़ी में एक और बड़ा नाम जुड़ गया है, वह है प्रसिद्ध कॉमेडियन और अभिनेता सुनील ग्रोवर।
दिव्य, दैवीय, ईश्वरीय! महाकुंभ
सुनील ग्रोवर महाकुंभ में अपनी कॉमेडी की दुनिया से दूर, एक श्रद्धालु की तरह पूरी तरह से भक्ति और आस्था में डूबे हुए दिखाई दिए। उन्होंने गंगा स्नान करने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया, जिसमें वह पूरी तरह से आस्था में लीन नजर आ रहे थे। इस वीडियो के साथ उन्होंने एक भावुक और सुंदर कैप्शन भी लिखा।
सुनील ग्रोवर ने लिखा, दिव्य, दैवीय, ईश्वरीय महाकुंभ 2025 में यहां आकर मैं पवित्र महसूस कर रहा हूं। इस जल में डुबकी लगाकर धन्य महसूस कर रहा हूं, जिसका मैं बेसब्री से इंतजार कर रहा था। इस पवित्र जल में कितने ही साधु, संत, ऋषि, मुनि, महात्मा हजारों सालों से आते रहे हैं। मुझे लगता है कि मैं अब संपूर्ण हूं। हर किसी का आभार जिन्होंने मुझे यहां तक पहुंचने में मदद की। जय हो!
सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन
सुनील ग्रोवर का यह अनुभव महाकुंभ की महत्ता को और भी खास बना देता है। महाकुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जहां हर साल लाखों लोग एक साथ एकत्रित होते हैं और पवित्र संगम में स्नान करते हैं। यह मेला भारत के हिन्दू धर्म का एक अहम हिस्सा है और यहां श्रद्धालु अपने पापों से मुक्ति के लिए और भगवान के साथ अपने संबंध को मजबूत करने के लिए डुबकी लगाते हैं।
दिन प्रतिदिन बढ़ती भीड़
महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में एक बार होता है, और इसे लेकर पूरे देश में एक विशेष उत्साह होता है। प्रयागराज में चल रहे इस महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भीड़ दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। लोग दूर दूर से इस पवित्र आयोजन का हिस्सा बनने के लिए आ रहे हैं और हर कोई इस महान अवसर का अनुभव अपने जीवन के सबसे खास क्षण के रूप में मानता है।
सुनील ग्रोवर का महाकुंभ में डुबकी लगाना दर्शाता है कि वह भी इस पवित्र अवसर को लेकर कितने श्रद्धालु हैं। इसके अलावा, यह भी दिखाता है कि कोई भी व्यक्ति चाहे वह किसी भी पेशे से हो, जब आस्था की बात आती है तो वह सभी भक्ति और श्रद्धा से जुड़ा होता है।
महाकुंभ में सुनील का यह अनुभव उन सभी के लिए प्रेरणादायक है जो इस आयोजन को अपने जीवन का हिस्सा बनाने का सपना देख रहे हैं। यह साबित करता है कि आस्था और भक्ति किसी भी दुनिया से बड़ी होती है।