Ashok Valmiki wife murder case दिल्ली का अशोक वाल्मीकि अपनी पत्नी मीनाक्षी के साथ खुशहाल शादीशुदा जिंदगी नहीं जी रहा था। उसकी जिंदगी में दूसरी महिला आ गई थी, जिससे उसके अवैध संबंध थे। मीनाक्षी को जब इस बात का पता चला, तो वह इसका विरोध करने लगी। दोनों के बीच अक्सर झगड़े होने लगे।
अशोक को ये सब नागवार गुजर रहा था। वह चाहता था कि मीनाक्षी चुपचाप उसकी बात मान ले, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। लगातार बढ़ती कड़वाहट के बीच उसने एक खतरनाक साजिश रच डाली मीनाक्षी को कुंभ में ले जाकर हत्या करने की।
महाकुंभ में बनाई खौफनाक साजिश
अशोक ने अपनी पत्नी को कुंभ जाने के लिए राजी कर लिया। उसे लगा कि भीड़-भाड़ वाले इस मेले में वह आसानी से अपना अपराध छिपा सकता है। योजना के तहत, वह मीनाक्षी को एक लॉज में ठहराने ले गया। 19 फरवरी की रात उसने मौका देखकर उसकी हत्या कर दी।
लॉज के बाथरूम में मीनाक्षी की लाश मिली, जिससे पूरा मामला खुल गया। अशोक की प्लानिंग थी कि हत्या के बाद वह पुलिस को बताएगा कि उसकी पत्नी कुंभ में भीड़ के दौरान गुम हो गई थी। लेकिन पुलिस को उस पर शक हो गया, और गहराई से जांच शुरू कर दी गई।
पुलिस जांच में हुआ खुलासा
शुरुआती जांच में ही पुलिस को कई बातें संदिग्ध लगीं। जब पुलिस ने अशोक से सख्ती से पूछताछ की, तो उसके बयान बार-बार बदलने लगे। जब पुलिस ने लॉज के स्टाफ से पूछताछ की, तो पता चला कि मीनाक्षी अशोक के साथ आई थी, लेकिन वापस नहीं गई।
इसके बाद पुलिस ने अशोक को हिरासत में लिया और जब गहराई से पूछताछ की, तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसने बताया कि वह मीनाक्षी से छुटकारा पाना चाहता था, इसलिए उसने इस साजिश को अंजाम दिया।
क्या थी हत्या के पीछे की प्लानिंग
अशोक की योजना थी कि वह मीनाक्षी को कुंभ में लापता दिखाकर खुद बच जाएगा। उसने सोचा था कि इतनी भीड़ में किसी का गुम हो जाना सामान्य बात होगी, और पुलिस इसे एक आम लापता मामला मानकर ज्यादा जांच नहीं करेगी।
लेकिन उसकी ये चालाकी ज्यादा देर तक नहीं टिक पाई। पुलिस ने घटनास्थल की जांच की और अशोक के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटा लिए।
अब क्या होगा अशोक का?
अशोक अब पुलिस की हिरासत में है, और उसके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज हो चुका है। कोर्ट में इस केस की सुनवाई होगी, और अगर वह दोषी पाया जाता है, तो उसे सख्त सजा मिल सकती है।
इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि गलत रास्ता अपनाने वाले ज्यादा समय तक बच नहीं सकते। कानून का शिकंजा कसा ही जाता है।










