MahaKumbh 2025-वह साधु संत जो IIT और IIM से पढ़ अपने चमकदार करियर को त्याग, धर्म और अध्यात्म के मार्ग पर निकल गए

IIT और IIM जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से पढ़ाई के बाद, इन 9 युवाओं ने धर्म की राह को चुना। इन्होंने करोड़ों की नौकरी छोड़कर साधु जीवन अपनाया।

IIT graduates spiritual transformation : भारत में IIT में एडमिशन लेना किसी बड़े सपने के सच होने जैसा है। जो इसमें दाखिला पाता है, वह न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे इलाके की शान बन जाता है। IIT की पढ़ाई पूरी करने के बाद लोग शानदार नौकरियां हासिल करते हैं। कुछ को विदेशों में करोड़ों रुपये की सैलरी भी मिलती है। लेकिन सोचिए, अगर कोई इस चमकदार करियर को छोड़कर धर्म और अध्यात्म के मार्ग पर निकल जाए, तो क्या कहेंगे

यहां हम आपको 9 ऐसे होनहार IIT ग्रेजुएट्स के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने करोड़ों की नौकरी को ठुकराकर साधु बनने का रास्ता चुना। इनकी कहानियां न केवल प्रेरणा देती हैं, बल्कि जीवन के गहरे अर्थ भी समझाती हैं।

अभय सिंह (मसानी गोरख)

IIT engineer Abhay Singh’

अभय सिंह ने IIT मुंबई से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। कनाडा में लाखों की नौकरी छोड़कर वे साधु बन गए। अब वे भगवान शिव के भक्त हैं और संगम पर कठिन साधना कर रहे हैं।

अविरल जैन

अविरल ने IIT BHU से कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएशन किया। अमेरिका में वॉलमार्ट जैसी कंपनी में करोड़ों की नौकरी छोड़कर वे जैन मुनि बन गए। वे अब परम ज्ञान की तलाश में ध्यान और साधना में लीन हैं।

संकेत पारिख

संकेत ने IIT मुंबई से केमिकल इंजीनियरिंग की। अमेरिका में शानदार नौकरी छोड़कर वे जैन मुनि बने। धर्म में पहले विश्वास न रखने वाले संकेत अब अपने गुरु के नेतृत्व में आध्यात्मिक साधना कर रहे हैं।

आचार्य प्रशांत

IIT दिल्ली और IIM अहमदाबाद से पढ़ाई करने वाले आचार्य प्रशांत IAS अधिकारी भी बने। लेकिन कुछ ही समय में वे मोह छोड़कर अद्वैत लाइफ एजुकेशन के संस्थापक बन गए। आज वे अपने प्रवचनों और किताबों से लाखों लोगों को प्रेरित कर रहे हैं।

महान एमजे (स्वामी विद्यानाथ नंदा)

IIT कानपुर और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया से पीएचडी करने वाले महान एमजे ने 2008 में साधु जीवन अपनाया। अब वे रामकृष्ण मठ से जुड़े हैं और गहन आध्यात्मिक ज्ञान बांटते हैं।

गौरंग दास

IIT मुंबई से केमिकल इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद गौरंग दास ने इस्कॉन का मार्ग चुना। वे अब देश के जाने-माने मोटिवेशनल स्पीकर हैं।

स्वामी मुकुंदानंद

IIT मद्रास और IIM कोलकाता के पूर्व छात्र मुकुंदानंद ने कॉरपोरेट करियर छोड़कर योग और ध्यान का प्रचार प्रसार शुरू किया। उन्होंने जगद्गुरु कृपालु योग संस्थान की स्थापना की।

रसनाथ दास

IIT दिल्ली और कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने वाले रसनाथ दास अब इस्कॉन से जुड़े हैं। वे आध्यात्मिक नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं।

संदीप कुमार भट्ट (स्वामी सुंदर गोपालदास)

IIT दिल्ली के गोल्ड मेडलिस्ट संदीप कुमार ने 28 साल की उम्र में साधु बनने का निर्णय लिया। अब वे स्वामी सुंदर गोपालदास के नाम से जाने जाते हैं।

IIT और IIM से पढ़ाई करने वाले और अपने चमकदार करियर को छोड़ कर पीस और स्पिरिचुअलिटी की तलाश में धर्म और अध्यात्म के मार्ग पर निकल जाने का साहस कर आध्यात्मिकता का आनंद ले रहे हैं और अपनी भक्ति से परमात्मा का सानिध्य प्राप्त कर रहे हैं। इनके जीवन की कहानियां दिखाती हैं कि आत्मा की शांति पैसे और करियर से कहीं ऊपर है।

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