• About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact
Tuesday, September 16, 2025
news 1 india
  • Login
  • Home
  • News
    • Politics
    • Business
    • World
    • Science
  • Entertainment
    • Gaming
    • Music
    • Movie
    • Sports
  • Tech
    • Apps
    • Gear
    • Mobile
    • Startup
  • Lifestyle
    • Food
    • Fashion
    • Health
    • Travel
No Result
View All Result
news 1 india
No Result
View All Result
Home महाकुंभ 2025

महाकुंभ 2025 : हर 12 साल में आयोजित होने वाला धार्मिक और भव्य आयोजन ,जानें इससे जुड़ी 12 रोचक बातें

कुंभ मेला भारत का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जो हर 12 साल में होता है। इस बार प्रयागराज में आयोजित हो रहा यह मेला धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। लाखों श्रद्धालु और साधु-संत यहां जुटते हैं, जो इसे भव्य और अद्वितीय बनाते हैं।

by SYED BUSHRA
December 3, 2024
in महाकुंभ 2025
0
maha kumbh
491
SHARES
1.4k
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

Religious News : कुंभ मेला भारत के सबसे बड़े और पवित्र धार्मिक आयोजनों में से एक है, जो हर 12 साल में आयोजित होता है। यह मेला न केवल धार्मिकता का प्रतीक है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत को भी दर्शाता है। कुंभ मेले में लाखों श्रद्धालु और साधु-संत भाग लेते हैं। आइए, जानते हैं कुंभ मेले से जुड़ी 12 रोचक बातें।

नागा साधुओं का पहला स्नान

कुंभ मेले की शुरुआत नागा साधुओं के पहले स्नान से होती है। नागा साधु को धर्म का रक्षक माना जाता है, और उनकी उपस्थिति मेले को विशेष महत्व देती है। इन साधुओं का पहला स्नान ‘शाही स्नान’ कहलाता है। यह आयोजन सुबह के समय होता है, जब सभी नागा साधु पवित्र नदी में डुबकी लगाकर मेले की शुरुआत करते हैं। उनकी परंपरागत वेशभूषा और अनुशासन देखने योग्य होते हैं।

Related posts

UP STF

महाकुम्भ का प्लान हुआ फेल तो, राम मंदिर में धमाका करने की थी योजना

March 8, 2025
कहानी प्रयागराज के पिंटू मल्लाह की, मां के जेवरात बेचकर बनाई 130 नाव फिर ऐसे कमाए 30 करोड़

कहानी प्रयागराज के पिंटू मल्लाह की, मां के जेवरात बेचकर बनाई 130 नाव फिर ऐसे कमाए 30 करोड़

March 6, 2025

नदी का जल स्तर बढ़ता है

कुंभ मेले के दौरान पवित्र नदियों का जल स्तर बढ़ जाता है। जहां यह घटना विज्ञान को चौंकाती है।और धर्म के नजरिए से महत्वपूर्ण मानी जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, कुंभ के समय देवी-देवता और पितर नदी में प्रवेश करते हैं, जिससे जल स्तर बढ़ता है। इसके अलावा, लाखों श्रद्धालुओं के स्नान करने और पानी का उपयोग करने से भी जल स्तर में कोई कमी नहीं आती है।

14 अखाड़ों की पेशवाई

कुंभ मेले में 14 अखाड़ों की पेशवाई का आयोजन होता है। पहले यह संख्या 13 थी, लेकिन 2019 से किन्नर अखाड़ा भी इसमें शामिल हो गया है। अखाड़ों की पेशवाई में साधु-संत पारंपरिक झांकियों के साथ मेले में प्रवेश करते हैं। यह दृश्य बहुत ही भव्य और रंगीन होता है। हर अखाड़ा अपनी विशिष्टता और परंपराओं के साथ मेले की शोभा बढ़ाता है।

हर 144 साल में महाकुंभ

धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, जब कुल 12 पूर्णकुंभ मेलों का आयोजन हो जाता है, तब एक महाकुंभ का आयोजन होता है|

महाकुंभ विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जो हर 144 साल में केवल प्रयागराज में आयोजित होता है। सामान्य कुंभ मेला हर 12 साल में चार स्थानों पर होता है, लेकिन महाकुंभ की भव्यता अनुपम होती है। इसे देखने के लिए दुनियाभर से लोग आते हैं। इस आयोजन की खास बात यह है कि यह केवल पवित्र ग्रहों की स्थिति के आधार पर आयोजित किया जाता है।

सम्राट हर्षवर्धन का योगदान

कुंभ मेले का संबंध पौराणिक कथाओं के अनुसार सागर मंथन से है। हालांकि, इसका आधुनिक स्वरूप सम्राट हर्षवर्धन ने दिया। 7वीं शताब्दी में उन्होंने कुंभ मेले को भव्य आयोजन में बदल दिया। इसके बाद शंकराचार्य ने इसके नियम बनाए और इसे साधु-संतों के सम्मेलन का मुख्य केंद्र बना दिया।

ग्रहों का महत्व

कुंभ मेले के आयोजन में ग्रहों की स्थिति का विशेष महत्व है। सूर्य, चंद्रमा, गुरु और शनि की स्थिति के अनुसार कुंभ मेले की तिथियां तय होती हैं। धार्मिक मान्यता है कि इन ग्रहों ने अमृत कलश की रक्षा की थी। यही कारण है कि इनकी स्थिति के आधार पर मेले की तिथियां निर्धारित की जाती हैं।

स्वर्ग और पृथ्वी पर कुंभ

धार्मिक मान्यता है कि कुंभ मेले का आयोजन केवल पृथ्वी पर ही नहीं, बल्कि स्वर्ग में भी होता है। महाकुंभ के दौरान ऐसा माना जाता है कि देवलोक में भी कुंभ मनाया जाता है। यह समय स्वर्ग और पृथ्वी के बीच आध्यात्मिक ऊर्जा का आदान-प्रदान करने के लिए खास माना जाता है।

साधु-संतों और श्रद्धालुओं का मेला

कुंभ मेला साधु-संतों और श्रद्धालुओं के संगम का पर्व है। यह मकर संक्रांति से शुरू होकर महाशिवरात्रि तक करीब 50 दिनों तक चलता है। इस दौरान देश-विदेश से लोग यहां आते हैं। साधु-संतों के प्रवचन, भजन और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान मेले को विशेष बनाते हैं।

2025 में पूर्ण कुंभ

इस साल प्रयागराज में पूर्ण कुंभ का आयोजन होगा। शास्त्रों के अनुसार, जब सूर्य और चंद्रमा मकर राशि में और गुरु मेष राशि में होते हैं, तब कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार यह समय सबसे शुभ माना जाता है।

राशियों का चक्र

गुरु ग्रह हर 12 साल में 12 राशियों का चक्र पूरा करता है। इसी वजह से हर 12 साल में चार पवित्र स्थानों में से किसी एक पर कुंभ का आयोजन होता है। इसके अलावा, हर तीसरे साल इन चार स्थानों में से किसी एक पर अर्धकुंभ आयोजित किया जाता है।

सिंहस्थ कुंभ

सिंहस्थ कुंभ का आयोजन नासिक और उज्जैन में किया जाता है। यह तब होता है, जब गुरु ग्रह सिंह राशि में होते हैं। सिंहस्थ कुंभ इन दोनों स्थलों की एक विशेष पहचान है। यह आयोजन अन्य कुंभ मेलों से थोड़ा अलग होता है।

संकल्प लेने का महत्व

कुंभ में स्नान करना केवल धार्मिक परंपरा ही नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि का माध्यम भी है। श्रद्धालु इस दौरान अपनी बुरी आदतों को छोड़ने का संकल्प लेते हैं। यह आत्मिक और मानसिक विकास का एक अनूठा अवसर होता है।

Tags: Kumbh Melareligious festival
Share196Tweet123Share49
Previous Post

Prince-Yuvika Fight: प्रिंस और युविका के रिश्ते में आई दरार, दोनों के बीच हुई लड़ाई,जाने पूरा मामला 

Next Post

बेगानी शादी में बनकर गए बिन बुलाए मेहमान, पूछताछ हुई तो कॉलेज छात्रों ने चला दी गोलियां

SYED BUSHRA

SYED BUSHRA

Next Post
Lucknow News

बेगानी शादी में बनकर गए बिन बुलाए मेहमान, पूछताछ हुई तो कॉलेज छात्रों ने चला दी गोलियां

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

UPCA
Akhilesh Yadav, Om Prakash Rajbhar

अखिलेश पर राजभर परिवार का तीखा हमला: “जरूरत पड़ी तो खेत का अनाज और सब्जी देंगे”

September 16, 2025
Mayawati

Mayawati के परिनिर्वाण दिवस पर मायावती की बड़ी रणनीति, लखनऊ रैली से 2027 चुनावी तैयारी का आगाज़

September 16, 2025
Siddharthnagar BJP

Siddharthnagar BJP उपाध्‍यक्ष पर गिरी गाज, अश्लील वीडियो विवाद के बाद पार्टी से निकाले गए गौरीशंकर अग्रहरि

September 16, 2025
delhi bmw accident news today

Delhi BMW Accident: तेज रफ्तार कार ने लील ली थी एक अधिकारी की जान, जांच में उठे कौन से सवाल,आरोपी गगनप्रीत कौर गिरफ्तार

September 16, 2025
Monsoon Retreat and Rain Forecast: कब मिलेगी उमस से राहत,मानसून की वापसी क्या बन रहे बारिश के आसार

Monsoon Retreat and Rain Forecast: कब मिलेगी उमस से राहत,मानसून की वापसी क्या बन रहे बारिश के आसार

September 16, 2025
India Pakistan match fixing allegations

IND vs PAK Match In Asia Cup: भारत में सियासी हंगामा जारी,किसने किया मैच फिक्सिंग का सनसनीखेज दावा

September 16, 2025
Delhi-NCR: अवैध हथियारों की तस्करी का खुलासा,मेरठ और मवाना से हथियार लाकर गैंगस्टरों को बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश

Delhi-NCR: अवैध हथियारों की तस्करी का खुलासा,मेरठ और मवाना से हथियार लाकर गैंगस्टरों को बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश

September 16, 2025
Jitiya Vrat 2025: माताओं का विशेष पर्व, संतान की लंबी उम्र और खुशहाली की कामना का व्रत जानिए पूजा विधि का सही तरीका

Jitiya Vrat 2025: माताओं का विशेष पर्व, संतान की लंबी उम्र और खुशहाली की कामना का व्रत जानिए पूजा विधि का सही तरीका

September 16, 2025
lectricity prices reduced for consumers

Electricity Prices क्यूं बिजली की कीमतों में गिरावट की उम्मीद जागी,जीएसटी में बदलाव से आम लोगों को कैसे मिलेगी राहत

September 16, 2025
Nitish Kumar

Nitish Kumar : जब नीतीश कुमार को आधी रात में दौड़ानी पड़ी थी बाइक, पढ़िए ये दिलचस्प कहानी…

September 15, 2025
news 1 india

Copyright © 2017 JNews.

Navigate Site

  • About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact

Follow Us

No Result
View All Result
  • Home
  • News
    • Politics
    • Business
    • World
    • Science
  • Entertainment
    • Gaming
    • Music
    • Movie
    • Sports
  • Tech
    • Apps
    • Gear
    • Mobile
    • Startup
  • Lifestyle
    • Food
    • Fashion
    • Health
    • Travel

Copyright © 2017 JNews.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

Go to mobile version