सूचना निदेशक शिशिर के अनुसार, शनिवार को संगम में स्नान करने के लिए 33 लाख श्रद्धालु पहुंचे। पिछले दो दिनों में 85 लाख से अधिक लोग गंगा में डुबकी लगा चुके हैं। इस साल महाकुंभ में 45 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है, जो इसे इतिहास का सबसे बड़ा आयोजन बना देगा। सनातन धर्म के प्रमुख 13 अखाड़ों ने 40 दिन के इस आयोजन से पहले अपने-अपने शिविरों की स्थापना पूरी कर ली है।
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रविवार को श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन ने अपने शिविर में प्रवेश किया, जिसके साथ ही अखाड़ों के जुलूस का समापन हुआ। पहला अमृत स्नान (शुभ स्नान) 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन होगा, जब सभी अखाड़े तय क्रम में स्नान करेंगे। प्रशासन सुरक्षा, भीड़ प्रबंधन और स्वच्छता के लिए सभी जरूरी कदम उठा रहा है।
उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा, “महाकुंभ 2025 आज से आरंभ हो चुका है, और लगभग 60 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया है। इस बार यह आस्था और आधुनिकता का मिलाजुला संगम है। हमने पारंपरिक पुलिस व्यवस्था से हटकर आधुनिक तकनीकों का अधिकतम उपयोग किया है, ताकि श्रद्धालुओं को बेहतर सुरक्षा और व्यवस्था मिल सके। इस बार कुंभ का आयोजन भव्य, दिव्य, डिजिटल और सुरक्षित रहेगा।”
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