Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 के दौरान 18 जनवरी को एक आग ने प्रयागराज में अफरा-तफरी का माहौल बना दिया। यह घटना संगम तट पर लाखों श्रद्धालुओं के पवित्र स्नान के बीच घटी, जब अचानक आग लगने से कुछ देर के लिए हड़कंप मच गया। दमकल विभाग की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आग पर काबू पाया और स्थिति को नियंत्रण में लिया। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो और तस्वीरों ने स्थिति को और गंभीर बना दिया, जिसमें आग की लपटें और धुआं नजर आ रहा था। हालांकि, जांच में यह स्पष्ट हुआ कि कुछ वीडियो मॉक ड्रिल के थे, जो महाकुंभ से पहले आयोजित की गई थी, ताकि आपातकालीन स्थिति में प्रशासन की तत्परता को परखा जा सके। इस घटना के बाद, मेला प्रशासन ने सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने का फैसला लिया है। अब जीरो फायर इंसिडेंट जोन बनाने, नए फायर स्टेशन स्थापित करने और एआई फायर डिटेक्शन कैमरे लगाने जैसी पहल की जा रही हैं। इस घटना ने प्रशासन को और अधिक चौकस रहने के लिए प्रेरित किया है ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटा जा सके।
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घटना का विवरण
18 जनवरी, शाम 4:38 बजे महाकुंभ मेला क्षेत्र में आग लगने की सूचना मिली। जैसे ही घटना की जानकारी दमकल विभाग को मिली, उनके वाहन तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और आग पर काबू पाने की कोशिश शुरू कर दी। मेला क्षेत्र में व्याप्त भारी भीड़ और श्रद्धालुओं के बीच अफरा-तफरी का माहौल बन गया। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में आग की लपटों और धुएं के गुबार के दृश्य दिखाए गए, जिसमें फायर ब्रिगेड के कर्मचारी आग बुझाने में जुटे हुए थे। इस घटना से कुछ समय के लिए क्षेत्र में तनाव फैल गया, लेकिन विभाग के प्रयासों के कारण स्थिति को जल्दी संभाल लिया गया।
महाकुंभ 2025 के दौरान 18 जनवरी को आग लगने की घटना ने मेला क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल पैदा कर दिया। संगम तट पर लाखों श्रद्धालु थे। दमकल विभाग ने तुरंत आग पर काबू पाने की कोशिश की। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में इसे मॉक ड्रिल के रूप में भी दिखाया गया। #Prayagraj #Mahakumbh2025 pic.twitter.com/xbsX6Wi3G1
— The MidPost (@the_midpost) January 19, 2025
अग्निशमन विभाग की तैयारियां
Mahakumbh 2025 के आयोजन को ध्यान में रखते हुए, अग्निशमन विभाग ने पहले से ही व्यापक सुरक्षा तैयारियां की हैं। इसमे फायर बोट और रैपिड रिस्पांस वाहनों का उपयोग शामिल है, ताकि आग लगने की स्थिति में तत्काल प्रतिक्रिया हो सके। इसके अतिरिक्त, महाकुंभ में जीरो फायर इंसिडेंट जोन बनाने के लिए एआई फायर डिटेक्शन कैमरों और अधिक फायर स्टेशन की स्थापना की जा रही है।
आग लगने की घटना के बाद से प्रशासन और सुरक्षा उपायों पर और अधिक विचार किया जा रहा है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार के खतरे या असुविधा से बचाया जा सके। महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाला है, जिसमें करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है।










