(मोहसिन खान) नोएडा डेस्क। 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा से शुरू हुए दिव्य, भव्य और डिजिटल महाकुंभ का 26 फरवरी यानि की महाशिवरात्री के विशेष स्नान से समापन हो रहा है। ऐसे में महाकुंभ (Mahakumbh 2025) के आखिरी 24 घंटे काफी महत्तवपूर्ण रहने वाले है, क्योंकि श्रद्वालुओं का सैलाब लगातार उमड़ता जा रहा है। आलम ये है कि मेला परिसर में श्रद्वालुओं के सिर से सिर मिलकर चल रहे है, जबकि शहर के अंदर भी ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अंतिम स्नान को लेकर ना केवल नज़र बनाएं हुए है बल्कि वो खुद यातायात व्यवस्था प्रबधंन से लेकर भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए उठाए जा रहे कदमों की मॉनिटरिंग कर रहे है।
महाकुंभ में महाशिवरात्री को लेकर पुख्ता इंतजाम
दरअसल महाशिवरात्री स्नान को लेकर स्पेशल प्लान तैयार कर लिया गया है। भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने आज शाम 6 बजे से प्रयागराज कमिश्नरेट यानी शहर को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया। शाम 6 बजे के बाद से कोई भी वाहन शहर में एंट्री नहीं कर पाएंगे वहीं, मेला क्षेत्र शाम 4 बजे से नो-व्हीकल जोन हो जाएगा। हालाकि श्रद्वालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रयागराज पहुंचने वाली गाड़ियों को संगम से 10 किमी पहले ही रोका जा रहा है। जबकि महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु अपने वाहनों को प्रशासन द्वारा निर्धारित 36 पार्किंग स्थलों पर खड़ा कर सकेंगे।
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बड़ी बात ये है कि महाकुंभ (Mahakumbh 2025) के अंतिम स्नान की सुरक्षा के लिए अभेद्व सुरक्षा व्यवस्था की गई है। यानि जल, थल और नभ से विशेष स्नान की सुरक्षा की जाएगा। थल पर पुलिस, पीएसी, आरएएफ, एटीएस और एनएसजी कमांडों के अलावा आईजी लेवल के अधिकारियों के कंधों पर सुरक्षा की कमान होगी तो वहीं जल में अंडर वॉटर ड्रोन सिस्टम के अलावा एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जल पुलिस की तैनाती रहेगी जबकि आसमान से जहां हेलीकॉप्टर के जरिए हर हलचल पर नजर रहेगी तो इस बार एयरफोर्स की तैनाती भी रहेगी। महाकुंभ के अंतिम स्नान पर एयरफोर्स के विमान भी निगहेबानी करेंगे यानि सुरक्षा का ऐसा खाका खींचा गया है कि परिंदा भी पर ना मार सके।
26 फरवरी को स्नान का ये है मास्टर ‘प्लान’
जहां एक ओर वाहनों के लिए नए डायवर्जन प्लान को लागू किया है तो वहीं संगम से पहले ही निधार्रित स्थानों पर वाहनों की पार्किग कराई जाएगी, इसके अलावा महाशिवरात्री पर विशेष स्नान के लिए श्रद्वालुओं के लिए भी नई गाइडलाइन जारी की गई है जिसमें साफतौर पर कहा गया है कि जो श्रद्वालु जिस भी जगह से मेला परिसर में प्रवेश करेंगे वो वहीं पर स्नान करेंगे।
दक्षिण झूसी से आने वाले श्रद्वालु संगम और ऐरावत घाट पर स्नान कर सकेंगे जबकि उत्तरी झूसी से आने वाले श्रद्वालु संगत हरिशचन्द्र घाट और संगम ओल्ड जीटी पर आस्था की डुबकी लगाएंगे। परेड़ से आने वाले श्रद्वालु संगम द्वार भारद्वाज घाट, संगम द्वार नागवासुकी घाट, मोरी घाट, काली घाट, रामघाट और हनुमान घाट पर स्नान करेंगे वहीं अरैल क्षेत्र से आने वाले श्रद्वालु सीधे अरैल घाट पर स्नान करेंगे जबकि पांटून पुलों को खोलने और बन्द करने की व्यवस्था भीड़ को देखते हुए की जाएगी।