Mamta Banerjee : महाकुंभ को लेकर ममता बनर्जी के विवादास्पद बयान ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। बीजेपी नेताओं के साथ-साथ साधु-महात्माओं ने भी ममता के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। ममता के ‘मृत्यु कुंभ’ वाले बयान पर भाजपा नेता अपर्णा यादव ने कहा कि यह बेहद अफसोसजनक है, खासकर जब यह बयान एक बड़े राजनीतिक नेता द्वारा दिया गया हो। उन्होंने कहा, “आप राजनीति करें, लेकिन धर्म विरोधी राजनीति से किसी का भला नहीं हो सकता। ममता जी या विपक्षी दल, हमारे सनातन धर्म और परंपराओं का मजाक कब तक उड़ाएंगे?”
अपर्णा यादव ने यह भी कहा कि महाकुंभ में पश्चिम बंगाल से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए हैं, और ममता का यह बयान शोभा नहीं देता। उन्होंने कहा कि ममता को इस तरह की धर्म विरोधी बातें करने से बचना चाहिए, क्योंकि एक बड़े नेता के लिए यह उचित नहीं है। उनका मानना है कि ममता ने लाखों लोगों की आस्था को ठेस पहुंचाई है।
पीठाधीश्वर स्वामी प्रेमानंद पुरी ने क्या कहा ?
साधु-संतों ने भी ममता के बयान पर नाराजगी जताई है। उज्जैन के अर्जी वाले हनुमान मंदिर के पीठाधीश्वर स्वामी प्रेमानंद पुरी जी महाराज ने कहा कि ममता का मानसिक संतुलन महाकुंभ की सफलता को देखकर बिगड़ गया है। उन्होंने यह भी कहा कि ममता मुस्लिम वोटों के लिए इस तरह की बयानबाजी कर रही हैं, और अब सनातन धर्म के अनुयायी जागरूक हो गए हैं, जिससे ममता की कुर्सी खतरे में पड़ गई है।
स्वामी प्रेमानंद पुरी जी ने ममता को सलाह दी कि उन्हें अपना नाम और धर्म बदल लेना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि ममता को अपना नाम ममता खान रख लेना चाहिए और सनातन धर्म से खुद को दूर कर लेना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि ममता को अब मानसिक उपचार की आवश्यकता है, क्योंकि उन्हें महाकुंभ जैसे दिव्य और भव्य आयोजन को ‘मृत्यु कुंभ’ के रूप में देखना सही नहीं है।
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भाजपा नेता गौरव वल्लभ ने भी ममता के बयान की निंदा करते हुए कहा कि 144 साल बाद सनातन धर्म के इस महत्वपूर्ण पर्व को ममता जैसी नेता ‘मृत्यु कुंभ’ कहती हैं। उनका मानना है कि ममता की तुष्टीकरण की राजनीति अब सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए परेशानी का कारण बन गई है।