Kumbh Mela से जुड़े हिंदी फिल्मों के वह हिट डायलॉग, जो बने उन फ़िल्मों की सफलता का कारण

बॉलीवुड फिल्में अक्सर कुंभ मेला को इमोशनल और नाटकीय रूप में दिखाने के लिए इस्तेमाल करती हैं। कुछ फिल्में में जैसे अमर अकबर एंथनी, धर्मात्मा, और लक्ष्मी में कुंभ मेला से जुड़े चर्चित डायलॉग्स रहे हैं, जो इस कल्चरल इवेंट को बहुत खूबसूरती से दर्शाती हैं।

Kumbh Mela in Bollywood films

 Kumbh mela in Bollywood films : कुंभ मेला अपने आप में एक बहुत बड़ा आयोजन है, जहां लाखों लोग धार्मिक मान्यताओं के चलते इकट्ठा होते हैं। इसके अलावा, यहां साधु संतों की भीड़ और मेला देखने का अलग ही अनुभव होता है। आपने मशहूर डायलॉग ,’कुंभ के मेले में बिछड़े भाई’ जरूर सुना होगा। यह डायलॉग बॉलीवुड फिल्मों में कई बार इस्तेमाल किया गया है। चलिए, आज ऐसी ही फिल्मों और उनके फेमस डायलॉग्स के बारे में बात करते हैं।

अमर अकबर एंथनी

अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना, और ऋषि कपूर की इस सुपरहिट फिल्म की कहानी कुंभ मेले से ही शुरू होती है। इसमें तीन भाई कुंभ मेले में बिछड़ जाते हैं और उनकी जिंदगी अलग रास्तों पर चली जाती है। फिल्म का फेमस डायलॉग, ‘कुंभ के मेले में बिछड़े तीन भाई… अब मिलेंगे या नहीं’ आज भी लोगों की जुबां पर है।

धर्मात्मा

रेखा और हेमा मालिनी की फिल्म धर्मात्मा में कुंभ मेले का एक भावुक सीन दिखाया गया है, जहां एक परिवार मेले में बिछड़ जाता है। इस फिल्म का डायलॉग, यह मेला तो बस नाम है, यहां हर कोई अपनी किस्मत का सौदा करने आया है, दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर देता है।

लक्ष्मी

अक्षय कुमार की फिल्म लक्ष्मी बॉम्ब में भी कुंभ मेले का जिक्र है। फिल्म का डायलॉग, कुंभ के मेले में जो खो गया, उसे फिर से ढूंढ पाना मुश्किल है। लेकिन यादें, वो हमेशा साथ रहती हैं, दर्शकों के दिलों को छू जाता है।

सोल्जर

बॉबी देओल की इस फिल्म में कुंभ मेले का जिक्र एक मजेदार सीन में किया गया है। जॉनी लीवर का डायलॉग, कुंभ के मेले में मेरा भाई सोहन बिछड़ गया था, दर्शकों को हंसाने के साथ ही मेले की याद दिला देता है।

तुझे मेरी कसम 

रितेश देशमुख की फिल्म तुझे मेरी कसम में भी कुंभ मेला एक खास संदर्भ के रूप में आता है। फिल्म का डायलॉग, कहीं कुंभ के मेले में तो नहीं बिछड़ गए थे, ऐसे अजनबी से क्यों लगते हो।, बड़े ही हल्के फुल्के अंदाज में मेले का जिक्र करता है।

कुंभ मेला और बॉलीवुड का गहरा रिश्ता

कुंभ मेला सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय सिनेमा के लिए भी एक खास पृष्ठभूमि रहा है। इन फिल्मों ने इस मेले के विभिन्न पहलुओं को दर्शकों के सामने रखा और इसे हर दिल की यादों का हिस्सा बना दिया।

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