Sadhvi Harsha Rrichharia’s spiritual journey : प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में 13 जनवरी, सोमवार को महाकुंभ 2025 की शुरुआत हो गई। इस बार महाकुंभ का पहला दिन खास रहा, क्योंकि पौष पूर्णिमा के मौके पर लगभग 1.5 करोड़ श्रद्धालु इलाहाबाद (प्रयागराज) पहुंचे। श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई, वहीं कई विदेशी श्रद्धालु भी इस धार्मिक आयोजन में शामिल हुए।
महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में होता है, और इस बार यह आयोजन सोशल मीडिया और मीडिया की खबरों में खासा चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि, इस आयोजन के दौरान एक महिला साध्वी ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया, जो खूबसूरत साध्वी के नाम से सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। उनका नाम है साध्वी हर्षा रिछारिया।
साध्वी हर्षा रिछारिया की लाइफ
हर्षा रिछारिया की महाकुंभ से जुड़ी कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। हर्षा ने बताया कि वह किसी भी तरह से साध्वी के टैग को स्वीकार नहीं करतीं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर उन्हें साध्वी का टैग दे दिया गया है, लेकिन यह पूरी तरह से सही नहीं है। हर्षा ने कहा कि वह अभी इस रूप में पूरी तरह से समर्पित नहीं हैं और उन्हें इस आधिकारिक रूप को अपनाने की अभी अनुमति भी नहीं मिली है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अभी वह इस रास्ते पर पूरी तरह से नहीं चल रही हैं, लेकिन यह अभी नहीं माना जा सकता कि वह साध्वी हैं।
संन्यास लेने पर क्या बोलीं हर्षा
जब साध्वी से यह सवाल किया गया कि क्या उन्होंने संन्यास ले लिया है, तो उनका जवाब था कि जब किसी के मन में श्रद्धा बढ़ जाती है, तो वह अपने आप को किसी भी रूप में ढाल सकता है। हर्षा ने कहा कि वह पिछले दो सालों से संन्यासी रूप लेना चाहती थीं, लेकिन काम के कारण ऐसा नहीं कर पा रही थीं। अब उन्होंने इस रूप को अपनाया है। उनका मानना है कि यह एक व्यक्तिगत यात्रा है, और जब उन्होंने सही मौका पाया, तो उन्होंने संन्यास लेने का निर्णय लिया।
वायरल होने के सवाल पर हर्षा का जवाब
जब हर्षा से यह सवाल पूछा गया कि क्या उन्होंने इस खास रूप में आकर वायरल होने की कोशिश की है, तो उन्होंने ने कहा कि उन्हें वायरल होने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने खुद को पहले ही देशभर में वायरल माना है, क्योंकि वह पहले ही 10 से ज्यादा बार वायरल हो चुकी हैं।
उनका कहना था कि यह उनका श्रद्धा का रास्ता है और वह जैसे चाहें वैसे रह सकती हैं। वह यह भी मानती हैं कि युवाओं के लिए आजकल धर्म और संस्कृति को लेकर जागरूकता बढ़ी है और यह समाज के लिए एक सकारात्मक बदलाव है।
ग्लैमरस की दुनिया छोड़ने का कारण
उन्होंने ने ग्लैमरस की दुनिया छोड़ने को लेकर भी कुछ महत्वपूर्ण बातें साझा कीं। उन्होंने कहा, कुछ चीजें हमारे किस्मत में होती हैं। यह सब हमारे पिछले कर्मों और जन्मों का फल होता है। कब हमारी जिंदगी में क्या मोड़ आए, यह सब कुछ पहले से निर्धारित होता है।
उन्होंने ने बताया कि वह पहले अपने करियर में एंकरिंग, शो होस्टिंग और एक्टिंग करती थीं, लेकिन पिछले एक से डेढ़ साल से उन्होंने अपनी जिंदगी में बहुत अच्छे से साधना की शुरुआत की है। वह अब अपने पुराने काम को छोड़ चुकी हैं, और साधना में उन्हें सुकून मिलता है।
हर्षा का संन्यास और साधना में समर्पण
हर्षा रिछारिया अब निरंजनी अखाड़े से जुड़ी हुई हैं और आचार्य महामंडेलश्वर स्वामी केलाशानंदगिरी जी महाराज की शिष्य हैं। उनका कहना है कि साधना और आत्मा के साथ जुड़ने का एहसास अलग ही होता है। यह संन्यास सिर्फ एक जीवनशैली नहीं, बल्कि एक गहरी आस्था और आत्मसमर्पण का परिणाम है। उन्होंने बताया कि उन्होंने इस रास्ते पर जाने के बाद अपनी जिंदगी को नया दिशा दी है और अब उन्हें अपनी आत्मा में शांति और संतोष महसूस हो रहा है।
महाकुंभ और हर्षा की यात्रा
महाकुंभ एक ऐसा अवसर होता है जब लोग अपनी आस्था और विश्वास को प्रदर्शित करने के लिए इकट्ठा होते हैं। हर्षा का कहना है कि वह अब इस यात्रा को पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ अपना रही हैं
उन्होंने ग्लैमरस दुनिया को छोड़कर साधना की दुनिया में प्रवेश किया और अब वह इस यात्रा को अपने आत्मिक सुख के रूप में देखती हैं। और वह अब खुद को आत्मशांति में महसूस करती हैं।