Sudha Murthy simplicity-भारत में कई ऐसे अमीर लोग हैं जो अपनी दौलत और सादगी दोनों के लिए मशहूर हैं। उनमें से एक नाम है इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति और उनकी पत्नी सुधा मूर्ति का। यह दंपत्ति अरबों रुपये की संपत्ति के मालिक हैं, लेकिन इनका रहन सहन आम लोगों जैसा है। सुधा मूर्ति की सादगी का एक और उदाहरण हाल ही में देखने को मिला, जब वह प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में शामिल होने पहुंचीं।
झोला लेकर महाकुंभ पहुंचीं
जहां बड़े-बड़े अमीर लोग एयरपोर्ट पर कई बैग्स और बड़े काफिले के साथ नजर आते हैं, वहीं सुधा मूर्ति सिर्फ एक छोटे झोले के साथ महाकुंभ पहुंचीं। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि वह तीर्थों के राजा प्रयागराज में आकर बेहद खुश और उत्साहित हैं। उन्होंने कहा, यह महाकुंभ 144 साल बाद आया है, और मैं तीन दिनों के लिए यहां आई हूं। उनकी बातें और उनका सरल व्यवहार लोगों का दिल जीत गया।
पति अरबपति, खुद सांसद
सुधा मूर्ति के पति नारायण मूर्ति 7 खरब रुपये की कंपनी इंफोसिस के मालिक हैं। खुद सुधा मूर्ति की संपत्ति भी 775 करोड़ रुपये की है। लेकिन इतनी संपत्ति होने के बाद भी इनमें घमंड का नामोनिशान नहीं है। सुधा मूर्ति राज्यसभा सांसद भी हैं और अपने समाजसेवा के कामों के लिए जानी जाती हैं।
30 साल से नहीं खरीदी साड़ी
सुधा मूर्ति हमेशा सादी साड़ी में नजर आती हैं। खास बात यह है कि उन्होंने पिछले 30 साल से अपने पैसे से कोई साड़ी नहीं खरीदी। इसके पीछे उन्होंने आध्यात्मिक वजह बताई। काशी की यात्रा के दौरान उन्होंने यह संकल्प लिया था कि वह उस चीज को त्याग देंगी जिसे वह सबसे ज्यादा प्रिय मानती हैं। चूंकि उन्हें साड़ियां बेहद पसंद थीं, इसलिए उन्होंने नई साड़ियां खरीदना बंद कर दिया। आज जो भी साड़ियां वह पहनती हैं, वह उन्हें गिफ्ट में मिली होती हैं।
सादगी में है असली खुशी
सुधा मूर्ति का जीवन यह दिखाता है कि सादगी में ही असली खुशी छिपी है। वह अपने पैसों और शोहरत का दिखावा नहीं करतीं। समाजसेवा और साधारण जीवन जीने का उनका अंदाज आज के समय में एक प्रेरणा है।