Maharashtra: गाइडलाइन! PFI के हर सदस्य पर निगरानी के आदेश, सहानुभूति दिखाने वालों पर भी होगी सख्त कार्रवाई

PFI और उसके सहयोगी संगठनों की मुश्किलें अब बढ़ती जा रही है। PFI पर केंद्र सरकार के बैन लगाने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने भी बड़ा फैसला लिया है। दरअसल राज्य सरकार ने जिला पुलिस और कमिश्नर को विशेष गाइडलाइन जारी कर दी। पुलिस को सख्त आदेश देते हुए कहा है कि किसी भी स्थिति में राज्य  में लो एंड ऑर्डर खराब नहीं होना चाहिए।

इसलिए शासन ने आदेश दिए है कि PFI के सदस्यों पर निगरानी रखी जाए। पुलिस को PFI के पोस्टर, झंडा और बैनर लगाने पर कानूनी का कार्रवाई के निर्देश दे दिए है। खासतौर पर वो सोशल मीडिया पर क्या लिखते है क्या पोस्ट करते है इस पर नजर रखी जाए। साथ ही PFI के प्रति सहानुभूति जताने और द्वेष फैलाने वाले लोगों पर नजर रखने के आदेश दे दिए गए है।

राजधानी भोपाल में भी पुलिस सक्रिय

इसके अलावा 28 सितंबर को PFI पर प्रतिबंध लगाने के बाद से मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी पुलिस सक्रिय हो गई है। दरअसल पुलिस आयुक्त मकरंद देउस्कर ने पुलिस उपायुक्त से चर्चा करने के बाद विभिन्न थाना क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने के दिशा निर्देश दिए हैं।

केंद्र सरकार ने आतंकी फंडिंग और अन्य गतिविधियों के चलते PFI पर भारत में पांच साल के लिए प्रतिबंधित लगा दिया है। गृह मंत्रालय अधिसूचना जारी होते ही पूरे देश में पीएफआई के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है।

PFI पर प्रतिबंध आंतरिक सर्जिकल स्ट्राइक

इसी बीच गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि PFI जैसे देश विरोधी संगठनों के कारनामों की जांच कराई जाएगी। साथ ही PFI की सदस्यता की भी जांच होगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल PFI पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाने का केंद्र सरकार का फैसला स्वागत योग्य कदम है। मैं राष्ट्र हित में लिए गए इस निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बहुत-बहुत आभार प्रकट करता हूं। PFI पर प्रतिबंध लगाना एक आंतरिक सर्जिकल स्ट्राइक है।

ये भी पढ़े-UP: PFI को बैन करने पर BSP सांसद ने जताया दुख, कहा- ये ‘लोकतंत्र के खिलाफ है, हर किसी को अपनी बात कहने का हक है’

Exit mobile version