बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एक नई सियासी मिसाल कायम हुई, जब 25 वर्षीय लोकगायिका मैथिली ठाकुर ने भाजपा के टिकट पर दरभंगा जिले की अलीनगर सीट से जीत दर्ज कर बिहार की सबसे युवा विधायक बनने का इतिहास रच दिया। मैथिली ने आरजेडी के अनुभवी नेता बिनोद मिश्रा को 12,000 से अधिक वोटों के बड़े अंतर से हराया और पहली बार BJP को इस सीट पर विजय दिलाई।
मैथिली ठाकुर का सफर: संगीत से राजनीति तक
मैथिली ठाकुर का जन्म मिथिला क्षेत्र के मधुबनी (बिहार) में हुआ और उनका परिवार बाद में दिल्ली के नजफगढ़ चला गया। उनके पिता स्वयं शास्त्रीय संगीतग्य हैं और बचपन से मैथिली और दो भाइयों को संगीत की शिक्षा देते आए हैं। मैथिली ने “राइजिंग स्टार” सहित कई रियलिटी शो में हिस्सा लिया और सोशल मीडिया पर अपनी गायकी को लाखों प्रशंसकों तक पहुँचाया। 2021 में उन्हें “उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार” से सम्मानित किया गया।
राजनीति में आने का फैसला अचानक नहीं था—वह साफ कहती हैं कि वे सामाजिक बदलाव, शिक्षा, युवाओं और महिला सशक्तिकरण को लेकर काम करना चाहती हैं। चुनावी अभियान में पूरा परिवार उनके साथ जुटा रहा। जीतने के बाद उन्होंने एलान किया कि मिथिला चित्रकला को स्कूलों में जोड़ेंगी, अलीनगर का नाम सीतानगर करने की पहल करेंगी और युवाओं/महिलाओं के लिए शिक्षा-रोजगार के नए मौके लाएंगी।
राजनीतिक और समाजिक असर
मैथिली की जीत बिहार में महिला और युवा नेतृत्व का नया अध्याय है। BJP को पहली बार अलीनगर सीट पर सफलता मिली, जो गठबंधन के लिए भी बड़ा संदेश है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, मैथिली का सिंगिंग स्टार से विधायिका तक का सफर राज्य की राजनीति में बदलाव की लहर के रूप में देखा जा रहा है। युवाओं, महिला मतदाताओं और संस्कृति से जुड़े वोटर को जोड़ने में उनकी जीत निर्णायक रही।
पूर्व में बिहार में सबसे युवा विधायक तौसीफ आलम (2005) और तेजस्वी यादव (2015, 26 वर्ष की उम्र में) रहे हैं, लेकिन अब मैथिली ने नया रिकार्ड बना दिया है।



