देश के रियल एस्टेट सेक्टर में आज एक बड़ी कार्रवाई सामने आई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड (Jaypee Infratech Ltd.) के प्रबंध निदेशक मनोज गौड़ (Manoj Gaur) को ₹12,000 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत की गई है। ED का आरोप है कि कंपनी ने हजारों होम बायर्स से जमा की गई रकम का इस्तेमाल निर्माण कार्यों में करने की बजाय अन्य समूह कंपनियों में डायवर्ट किया। Jaypee इंफ्राटेक और उसकी मूल कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) पर आरोप है कि उन्होंने हजारों फ्लैट खरीदारों से ली गई रकम का गलत इस्तेमाल किया। फ्लैट समय पर नहीं दिए गए, कई प्रोजेक्ट अधूरे रह गए और खरीदारों के पैसे दूसरी जगहों पर ट्रांसफर कर दिए गए।
ED की जांच के मुताबिक, यह फंड डायवर्जन करीब ₹12,000 करोड़ रुपये का है। यह मामला 2017 से चर्चा में है जब कई होम बायर्स ने कोर्ट और अथॉरिटीज़ के सामने शिकायत दर्ज कराई थी। जांचकर्ताओं ने गौर पर घर खरीदने वालों से एकत्रित धन के दुरुपयोग और हेराफेरी में संलिप्तता का आरोप लगाया था, जिसके बाद उन्हें धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत हिरासत में ले लिया गया था।


