अब संविदा शिक्षिकाओं को भी मिलेगी 6 माह की मैटरनिटी लीव, योगी सरकार का नवरात्र तोहफा

लखनऊ। योगी सरकार ने नवरात्र पर संविदा शिक्षिकाओं को बड़ा तोहफा दिया है। अब संस्कृत विद्यालयों की संविदा शिक्षिकाओं को भी छह महीने का मानदेय सहित मातृत्व अवकाश मिलेगा। इससे एक हजार से अधिक शिक्षिकाएं लाभान्वित होंगी।

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Yogi Govt News: नवरात्र के अवसर पर योगी सरकार ने संस्कृत विद्यालयों में संविदा पर कार्यरत महिला शिक्षिकाओं को बड़ी राहत दी है। अब इन शिक्षिकाओं को भी छह महीने यानी 180 दिन का मानदेय सहित मातृत्व अवकाश मिलेगा। Yogi Govt का यह कदम लंबे समय से उठ रही मांग को पूरा करता है और संविदा शिक्षिकाओं को नियमित शिक्षकों की तरह मातृत्व अवकाश का अधिकार देता है। अभी तक संविदा शिक्षकों को केवल 10 दिन का आकस्मिक अवकाश ही दिया जाता था, लेकिन अब शासनादेश में बदलाव करते हुए बड़ा निर्णय लिया गया है। शिक्षा विभाग के मुताबिक, पूरे प्रदेश में एक हजार से अधिक संविदा शिक्षक कार्यरत हैं जिन्हें इस फैसले का सीधा लाभ मिलेगा।

उत्तर प्रदेश के 403 सहायता प्राप्त संस्कृत महाविद्यालयों और 570 माध्यमिक (Yogi Govt) संस्कृत विद्यालयों में संविदा पर पढ़ा रहीं शिक्षिकाओं को अब छह महीने का मानदेय सहित मातृत्व अवकाश मिलेगा। प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा की ओर से 29 सितंबर को इस संबंध में शासनादेश जारी किया गया। इसके बाद उप शिक्षा निदेशक संस्कृत रामाज्ञा कुमार ने सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों और जिला विद्यालय निरीक्षकों को आदेश भेजते हुए अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

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अब तक संविदा शिक्षकों को केवल 10 दिन का आकस्मिक अवकाश ही प्राप्त था। अनधिकृत अनुपस्थिति पर कार्य समाप्ति का अधिकार भी प्रबंधन को था। नए आदेश के लागू होने से शिक्षिकाओं को मातृत्व के समय आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा मिलेगी।

गौरतलब है कि इससे पहले इसी वर्ष अप्रैल में प्रदेश सरकार ने संस्कृत शिक्षकों के मानदेय में भी बढ़ोतरी की थी। हाईस्कूल स्तर पर पढ़ाने वाले शिक्षकों का मानदेय 12 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपये और इंटरमीडिएट स्तर के शिक्षकों का मानदेय 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपये कर दिया गया था।

Yogi Govt में संविदा शिक्षकों की नियुक्ति 2021 में उस समय हुई थी जब संस्कृत विद्यालयों में नियमित भर्ती नहीं हो सकी और पढ़ाई प्रभावित होने लगी। नियमावली में बदलाव के चलते भर्ती प्रक्रिया अटकी रही, जिसके कारण सरकार को संविदा शिक्षक रखने पड़े। अब मातृत्व अवकाश का अधिकार मिलने से इन शिक्षिकाओं को नियमित शिक्षकों जैसी सुविधा का लाभ मिलेगा।

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