मौलाना तौकीर रज़ा का विवादित बयान, RSS को बताया ‘आतंकवादी संगठन’, बजरंग दल पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग

मौलाना तौकीर रज़ा ने RSS को एक 'आतंकवादी संगठन' करार दिया और बजरंग दल एवं विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।

Tauqeer Raza

New Delhi: मौलाना तौकीर रज़ा (Tauqeer Raza) ने हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और कुछ अन्य हिंदू संगठनों के खिलाफ एक विवादास्पद बयान दिया है, जिसमें उन्होंने RSS को एक ‘आतंकवादी संगठन’ करार दिया और बजरंग दल एवं विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।

तौकीर रज़ा का यह बयान वक्फ बोर्ड संशोधन बिल 2024 के विरोध के दौरान आया, जिसे लेकर उन्होंने कड़ी आपत्ति जताई। उनका मानना है कि यह बिल मुस्लिम समुदाय के अधिकारों को कमज़ोर करने का प्रयास है।

इस बयान के बाद उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में, खासकर बरेली में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। तौकीर रज़ा के अनुयायियों ने इस मुद्दे को लेकर सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किए, जिससे स्थिति और अधिक गंभीर हो गई।

कई बार विवादों में रह चुके है तौकीर रज़ा

तौकीर रज़ा (Tauqeer Raza) इससे पहले भी कई बार विवादों में रहे हैं। हाल ही में उन्होंने ग्यानवापी मस्जिद विवाद को लेकर एक “जेल भरो आंदोलन” (सामूहिक गिरफ्तारी आंदोलन) का आह्वान किया।

यह आंदोलन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा विधानसभा में दिए गए उस बयान के विरोध में था, जिसमें योगी ने कहा था कि मुसलमानों को वाराणसी की ग्यानवापी मस्जिद और मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद पर अपने दावे छोड़ देने चाहिए।

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तौकीर रज़ा का यह आह्वान उनके अनुयायियों के बीच जबरदस्त प्रतिक्रिया लेकर आया, और शुक्रवार को नमाज़ के बाद हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं, जिसके परिणामस्वरूप बरेली के कई इलाकों में हालात तनावपूर्ण हो गए।

बरेली के कई इलाकों में हालात गंभीर

पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए भारी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया। इसके अलावा, प्रमुख चौराहों, मिश्रित जनसंख्या वाले क्षेत्रों और शहर के प्रवेश और निकास बिंदुओं पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई।

तौकीर रज़ा का यह बयान और उसके बाद के घटनाक्रम उत्तर प्रदेश की राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियों पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं। उनकी मांग और विरोध के कारण राज्य में साम्प्रदायिक तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिसे देखते हुए पुलिस और प्रशासन को सतर्क रहना होगा।

इस पूरे प्रकरण ने तौकीर रज़ा के बयान और उनके द्वारा किए जा रहे विरोध को और भी गंभीर बना दिया है, जिससे राजनीतिक और सामाजिक माहौल में और भी उथल-पुथल की संभावना है|

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