UP News : बैंकों को लगाया लाखों का चूना गाड़ियों का लोन लेकर कैसे करते थे ठगी का खेल, कहां पकड़ा गया गैंग

मेरठ एसटीएफ ने गाड़ियों के लोन के नाम पर फर्जी दस्तावेजों से ठगी करने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया है। गैंग का सरगना अनंगपाल गिरफ्तार हुआ है, जो 2020 से धोखाधड़ी मामले में फरार था।

STF Meerut arrests Anangpal in major car loan fraud cas

UP News : मेरठ एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने गाड़ियों के लोन के नाम पर बैंकों को धोखा देने वाले गैंग के सरगना अनंगपाल को गिरफ्तार किया है। आरोपी अनंगपाल किठौर के गांव छुछाई का रहने वाला है और वह मेडिकल थाना क्षेत्र में 2020 से दर्ज एक धोखाधड़ी केस में भी पांच साल से फरार चल रहा था। उसे किला परीक्षितगढ़ रोड से पकड़ा गया। बाद में पुलिस ने उसे भावनपुर कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया।

कैसे करते थे ठगी का खेल

एसटीएफ के एएसपी बृजेश कुमार सिंह के मुताबिक अनंगपाल और उसके साथी अलग-अलग बैंकों में जाकर किराए के मकान का पता दिखाकर गाड़ी फाइनेंस कराते थे। गाड़ी फाइनेंस होने के बाद वे आधार कार्ड में पता बदल देते और फिर बैंक को किस्त नहीं चुकाते। इसके बाद वह गाड़ियाँ बेचकर भारी मुनाफा कमाते थे।

कई फर्जी दस्तावेज किए गए बरामद

अनंगपाल के पास से पुलिस ने सात आधार कार्ड, पांच एटीएम कार्ड, चार पैन कार्ड, पांच चेकबुक, एक पासबुक, एक उद्यम प्रमाण पत्र, और दो महंगी गाड़ियाँ – फॉर्च्यूनर और स्कॉर्पियो बरामद की हैं।

ऐसे हुई गिरफ्तारी

एसटीएफ को एक इनपुट मिला था कि कुछ लोग गाड़ी फाइनेंस कराकर किस्त ना देकर उन्हें बेच रहे हैं। इस पर एसटीएफ की टीम बनी, जिसका नेतृत्व निरीक्षक रविंद्र कुमार ने किया। मंगलवार रात करीब 8 बजे, अनंगपाल को कृष्णा पब्लिक स्कूल के पास से पकड़ा गया, जहाँ वह अपने साथी से मिलने आया था।

गिरोह में पत्नी और महिला मित्र भी शामिल

अनंगपाल ने पूछताछ में बताया कि वह अपनी पत्नी, महिला मित्र प्रीति और कई अन्य साथियों जैसे प्रमोद, आकाश, प्रदीप शर्मा के साथ मिलकर यह धंधा करता था। वे गाड़ी फाइनेंस कराने के बाद दिए गए पते से दूसरे स्थान पर रहने लगते, ताकि बैंक उन तक पहुंच न सके। प्रीति नाम की महिला के नाम से फर्जी उद्यम रजिस्ट्रेशन भी कराया गया था, जिसमें एक फ्लैट का पता बताया गया था, लेकिन वहां कोई “प्रीति डेयरी” नाम का व्यवसाय नहीं था।

कई कारों का गलत तरीके से फाइनेंस

फॉर्च्यूनर: गांव के एक साथी के नाम से SBआई मेरठ शाखा से 40 लाख में

स्कार्पियो: महिला मित्र के नाम से इंडियन बैंक यूनिवर्सिटी मेरठ से 18.5 लाख में

हाईराइडर: टोयोटा फाइनेंस से 18 लाख में, जो प्रदीप शर्मा चला रहा है

दूसरी हाईराइडर: फर्जी पते पर ICICI गुरुग्राम से 18 लाख में, जिसे स्पिनी कंपनी को 16 लाख में बेच दिया

एक और फॉर्च्यूनर: अपनी पत्नी के नाम से SBI ब्रह्मपुरी से 40 लाख में फाइनेंस कराई, बाद में 14 लाख में बेची गई

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