मेरठ की ‘अब्दुल्ला रेजिडेंसी’ में हिंदुओं पर फ्लैट खरीदने की रोक…हुए एक चौंकाने वाला खुलासा!

ChatGPT said: मेरठ की अब्दुल्ला रेजिडेंसी कॉलोनी को लेकर आरोप लगाया गया है कि यहां हिंदू समुदाय के लोगों को फ्लैट खरीदने की अनुमति नहीं दी जा रही है। ऐसा कहा जा रहा है कि कॉलोनी में हिंदुओं के प्रवेश और खरीद-फरोख्त पर रोक है। इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए ऊर्जा राज्य मंत्री सोमेंद्र तोमर ने जांच कराने की बात कही है।

Meerut Abdullah Residency

Meerut Abdullah Residency : मुंबई के बाद अब मेरठ में भी एक कॉलोनी को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। आरोप है कि हापुड़ रोड स्थित अब्दुल्ला रेजिडेंसी कॉलोनी में हिंदू समुदाय के लोगों को फ्लैट या प्लॉट खरीदने की इजाजत नहीं दी जा रही है। साथ ही यह दावा भी किया जा रहा है कि कॉलोनी के भीतर एक मस्जिद का निर्माण कार्य चल रहा है। सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आ रही है कि जिस जमीन पर कॉलोनी बसी है, उसका कुछ हिस्सा मेरठ के एक कुख्यात गैंगस्टर शारिक के परिवार से जुड़ा हुआ है।

शिकायतकर्ता अब तक नहीं आया सामने

हालांकि, इस पूरे मामले में अभी तक किसी भी व्यक्ति ने आधिकारिक तौर पर शिकायत दर्ज नहीं कराई है। कॉलोनी के डायरेक्टर महेंद्र गुप्ता ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि,

“हमारी कॉलोनी में किसी भी धर्म के व्यक्ति को प्रॉपर्टी खरीदने से नहीं रोका गया है। यहां कई हिंदू परिवारों ने भी प्लॉट खरीदे हैं और हमारा स्टाफ भी बहुसंख्यक हिंदू समुदाय से आता है। मस्जिद की जो बात की जा रही है, वह कॉलोनी के बाहर बन रही है, न कि अंदर।”

अब्दुल्ला रेजिडेंसी के दो डायरेक्टर हैं — महेंद्र गुप्ता और जनरल जावेद इकबाल। दोनों ही साझेदार हैं और गुप्ता के मुताबिक कॉलोनी में कोई धार्मिक भेदभाव नहीं किया जा रहा।

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ऊर्जा राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर ने क्या कहा?

ऊर्जा राज्य मंत्री और मेरठ दक्षिण से विधायक सोमेंद्र तोमर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा: “2017 से पहले मेरठ को दंगों के शहर के तौर पर देखा जाता था, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में मेरठ अब विकास के पथ पर अग्रसर है। ऐसे किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा जो शहर की फिजा को खराब करे। अगर किसी एक धर्म के लोगों को ही उस कॉलोनी में बसाया जा रहा है, तो यह जांच का विषय है। साथ ही जो मस्जिद बनाई जा रही है, उसका नक्शा स्वीकृत है या नहीं — इसकी भी जांच की जाएगी।”

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