मेरठ में ऊर्जा मंत्री सोमेंद्र तोमर के खिलाफ हंगामा, CBI जांच की मांग, भ्रष्टाचार में आया नाम

उत्तर प्रदेश के मेरठ में ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा विभाग मंत्री सोमेंद्र तोमर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। रिटायर फौजियों और उनके परिवारों ने मंत्री पर अवैध कब्जे का आरोप लगाते हुए CBI जांच की मांग की है। पीड़ितों ने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से न्याय की गुहार लगाई है, साथ ही चेतावनी दी है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आत्मदाह के लिए मजबूर हो जाएंगे।

Somendra Tomar

Somendra Tomar: उत्तर प्रदेश के मेरठ में ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा विभाग मंत्री सोमेंद्र तोमर के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुआ। शहर के रिटायर फौजी और उनके परिवार, खासकर महिलाओं, ने मंत्री पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि मंत्री ने उनकी जिंदगी भर की मेहनत की कमाई पर अवैध कब्जा कर लिया है। पीड़ितों ने पहले भी प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस मामले में पीड़ितों ने अब प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है, और अगर कोई कदम नहीं उठाया गया, तो वे आत्मदाह करने पर मजबूर हो जाएंगे।

इस हंगामे में एक रिटायर फौजी ने सोमेंद्र तोमर की संपत्ति की CBI जांच की मांग भी की है। लोगों का आरोप है कि कमिश्नर से लेकर प्रशासन के अन्य अधिकारी मंत्री के सामने असहाय हैं। पीड़ितों का कहना है कि बांग्लादेश में हिंदुओं की मदद करने वाले नेता, मेरठ के पीड़ित हिंदुओं की क्यों अनदेखी कर रहे हैं। इस घटना ने क्षेत्र में सनसनी फैला दी है और अब लोग उम्मीद कर रहे हैं कि उच्चस्तरीय जांच के बाद सच्चाई सामने आएगी।

Somendra Tomar का राजनीतिक करियर

Somendra Tomar भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक प्रमुख नेता हैं और वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार में ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा विभाग के मंत्री हैं। वह मेरठ दक्षिण विधानसभा सीट से विधायक हैं। सोमेंद्र तोमर का राजनीतिक जीवन लंबे समय से भाजपा के साथ जुड़ा हुआ है, और उन्होंने पार्टी के विभिन्न आंदोलनों और अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाई है। उनके नेतृत्व में कई ऊर्जा परियोजनाएं प्रदेश में शुरू की गई हैं।

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सपा नेता के भड़काऊ बयान

मेरठ में समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता मुकेश सिद्धार्थ का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने भाजपा नेता और ऊर्जा राज्य मंत्री सोमेंद्र तोमर का घर जलाने की धमकी दी थी। यह बयान 30 दिसंबर को मेरठ नगर निगम बोर्ड की बैठक में हुए विवाद के बाद आया, जिसमें विपक्षी दलों के दलित पार्षदों पर कथित हमले का आरोप भाजपा पार्षदों पर लगाया गया था। सिद्धार्थ ने कहा था कि अगर 10 जनवरी तक तोमर को गिरफ्तार नहीं किया गया, तो उनके घर और कार को जला दिया जाएगा। इस बयान पर पुलिस ने संज्ञान लेते हुए जांच शुरू की थी।

विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं, जैसे अखिलेश यादव, मायावती, जयंत चौधरी और चंद्रशेखर आजाद ने दलित पार्षदों का समर्थन किया था। चंद्रशेखर आजाद ने 10 जनवरी को मेरठ में इस मुद्दे पर पंचायत करने की घोषणा की थी, जिससे मामला और गरम हो गया था।

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