Modi Oath Ceremony: रविवार शाम को एनडीए गठबंधन के नेता नरेंद्र मोदी अपने तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री पद Modi Oath Ceremony की शपथ लेंगे। एनडीए गठबंधन के कई सांसद और केंद्रीय मंत्री उनके साथ पद की शपथ लेंगें। अब प्रधानमंत्री दो बार शपथ क्यों लेते हैं? और प्रधानमंत्री की शपथ। आज हम प्रधानमंत्री की शपथ में क्या कहते हैं बताएंगे।
शपथ ग्रहण
हमारे देश में शपथ ग्रहण का इतना महत्व क्यों है? किस शपथ पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यों के मुख् यमंत्री और मंत्री आखिरकार शपथ लेते हैं? हमारे देश के संविधान में शपथ ग्रहण के संबंध में क्या प्रावधान हैं? आज हम इसके नियम बताएंगे।
शपथ क्यों चाहिए?
अब प्रश्न उठता है कि आखिर शपथ क्यों जरूरी है? सांसदों, विधायकों, प्रधानमंत्रियों और मंत्रियों को पदभार ग्रहण करने से पहले भारत के संविधान को मानने की शपथ लेनी होती है। ऐसा नहीं करने पर जनप्रतिनिधि सरकारी कार्यों में भाग नहीं ले सकते। इसके अलावा, बिना शपथ के उन्हें सदन में बोलने की अनुमति नहीं होती और उन्हें सीट भी नहीं मिलती।
क्या शपथ लेते हैं?
हम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्री, पंच-सरपंच और सरकारी सेवा के पदों पर रहते हुए देश की संप्रभुता और अखंडता को हर समय बचाने की शपथ लेते हैं। हिंदी, अंग्रेजी सहित सभी भारतीय भाषाओं में शपथ ले सकते हैं।
प्रधानमंत्री की शपथ
सांसदों और विधायकों की गरिमा बचाने की शपथ लेते हैं। इसमें देश की संप्रभुता और अखंडता को हर समय बचाने और ईमानदारी और निष्पक्षता से काम करने का प्रतिज्ञा है।
केंद्र और राज्य में मंत्री बनने वाले विधायक गोपनीयता की शपथ लेते हैं।
प्रधानमंत्री पद की शपथ लेना
मैं <नाम> ईश्वर की शपथ लेता हूँ कि मैं भारत के संविधान, जो विधि द्वारा स्थापित किया गया है, के प्रति पूरी तरह से श्रद्धालु और निष्ठावान रहूंगा। मैं भारत की अखंडता और प्रभुता को सुरक्षित रखूंगा। मैं संघ के प्रधानमंत्री के रूप में अपनी जिम्मेदारियों का सम्मानपूर्वक और शुद्ध मन से निर्वहन करूंगा। तथा मैं संविधान और विधि के अनुसार सभी लोगों का न्याय करूंगा, भय या पक्षपात के बिना।
गोपनीयता की प्रतिज्ञा
मैं <नाम> ईश् वर की शपथ लेता हूँ कि जो विषय संघ के प्रधानमंत्री या मंत्री के रूप में मेरे विचार के लिए लाया जाएगा या मुझे ज्ञात होगा, उसे किसी भी व्यक्ति या व् यक्ति को, सिवाय तब के सिवाय जब प्रधानमंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन करना आवश्यक होगा। मैं प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कुछ भी नहीं बताऊंगा या प्रकट करूँगा।
लोकसभा की शपथ क्या है?
मैं, <नाम>, जो लोकसभा का चुनाव जीता हूँ, ईश्वर की शपथ लेता हूँ कि मैं भारत के संविधान, जो विधि द्वारा बनाया गया है, के प्रति पूरी तरह से निष्ठा रखूंगा। मैं भारत की अखंडता और प्रभुता को अक्षुण्ण रखूंगा, और मैं अपने पद के कर्तव्यों को श्रद्धापूर्वक निर्वहन करूंगा।
संविधान में शपथ के किस प्रकार के नियम हैं?
प्रधानमंत्री को अनुच्छेद 75 के अनुसार राष्ट्रपति के सामने शपथ लेनी होगी। प्रधानमंत्री शपथ पत्र पढ़ते और स्वीकार करते हैं। प्रधानमंत्री की शपथ लेने के बाद एक आधिकारिक प्रमाण पत्र जारी किया जाता है, जो तारीख और समय बताता है। प्रधानमंत्री भी इस पर हस्ताक्षर करते हैं।