नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। मध्य प्रदेश के सिवनी जनपद हवाला लूट मामले में प्रदेश के सीएम मोहन योदव की सख्ती रंग लाई। वारदात के पांचवें दिन एसडीओपी, टीआई अर्पित भैरम समेत 11 पुलिसवालों के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज करते हुए पांच आरोपियों को अरेस्ट कर लिया। फिलहाल 6 आरोपी वर्दीधारी फरार हैं। सभी आरोपी पर केस लखनवाड़ा थाने में डकैती, अपहरण और आपराधिक षड्यंत्र के के तहत केस दर्ज किया गया है।
क्या है सिवनी हवाला लूट मामला
दरअसल, सिवनी में 8 और 9 अक्टूबर की रात एसडीओपी पूजा पांडेय ने एनएच-44 पर चेकिंग लगाई थी। इसी दौरान नागपुर से जबलपुर जा रही एक गाड़ी में 2.96 करोड़ रुपये हवाला की रकम बरामद हुई। आरोप है कि पूजा पांडेय ने पूरी रकम आरोपियों से ले ली और बिना कानूनी कार्रवाई किए उन्हें भगा दिया। अगले दिन हवाला कारोबारियों ने सिवनी कोतवाली थाना पहुंचकर पूरे मामले की शिकायत दी। खबर बाहर आते ही प्रदेश में सनसनी मच गई।
एक्शन में आई सरकार
मामला सीएम मोहन यादव तक पहुंचा। सीएम यादव ने जांच के सख्त से सख्त कार्रवाई के आदेश दिए। जबलपुर रेंज के आईजी प्रमोद वर्मा ने कार्रवाई करते हुए एसडीओपी पूजा पांडेय, बंडोल थाने के टीआई अर्पित भैरम समेत 11 पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया। आईजी ने पूरे प्रकरण की जांच जबलपुर के एएसपी आयुष गुप्ता को सौंपी। मामला बढ़ता देख पुलिस ने 11 अक्टूबर को हवाला कारोबारियों सोहन परमार, इरफान पठान और शेख मुख्तार के खिलाफ लखनवाड़ा थाने में संगठित अपराध की धारा 112 (2), 3 (5) के तहत मामला दर्ज कर दिया।
आईजी खुद पहुंचे सिवनी
13 अक्टूबर को आईजी प्रमोद वर्मा सिवनी पहुंचे और हवाला कारोबारियों के खिलाफ दर्ज मामले और उसकी जांच में त्रुटियां बताते हुए पूरे मामले की जांच जबलपुर एएसपी क्राइम जितेंद्र सिंह को सौंप दी। आईजी प्रमोद वर्मा ने इस मामले में पुलिस के सीनियर अफसरों को कारण बताओं नोटिस भी जारी किया। इसके बाद पुलिस महकमे पर आरोपी पुलिस वालों को बचाने की चर्चाएं होने लगी। चर्चा ऐसी थी कि आरोपी पुलिसकर्मियों पर बड़े अफसरों का हाथ है। इसी के कारण उन पर एक्शन नहीं हुआ।
एकाएक दर्ज हुई एफआईआर
सूत्र बताते हैं कि सीएम मोहन यादव की सख्ती के चलते मंगलवार को सीएसपी समेत 11 पुलिसवालों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। एसडीओपी पूजा पांडे समेत 5 आरोपी गिरफ्तार कर लिए। जबकि 6 पुलिसकर्मी फरार हैं। जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें गठित कर दी गई हैं। आईजी ने बताया कि पूरे प्रकरण की वह खुद जांच कर रहे हैं। एक भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा। भ्रष्टाचार करने वाला कोई कितना बढ़ा क्यों न हो, वह हरहाल में सलाखों के पीछे भेजा जाएगा।
कारोबारियों ने टीआई को सुनाई लूट की कहानी
लेडी अफसर द्धारा लूटे जाने के बाद कारोबारी थाने पहुंचे। उन्होंने थाना इंचार्ज को पुलिस की लूट की कहानी सुनाई। चूंकि थाना महिला अधिकारी पूजा पांडेय के अधीन ही आता था, तो टीआई ने फरियादियों की बात अपनी बॉस तक पहुंचाई। इसके बाद पूजा पांडेय के दफ्तर में फरियादियों को बुलाया गया और महिला अधिकारी ने कारोबारियों से 50-50 पर रजामंदी कर ली। चूंकि पैसा अवैध रूप से ले जाया जा रहा था, इसलिए हवाला ऑपरेटर भी आधे-आधे पर मान गए।
लेडी अफसर की दगाबाजी से खुली पोल
आरोपों के अनुसार, 2.96 करोड़ रुपए के आधे 1.48 करोड़ पुलिस ने रख लिए और इतने ही हवाला कारोबारी लेकर निकल गए। इसी बीच, बीच रास्ते में हवाला ऑपरेटर्स ने अपनी कार में रुपए गिनने शुरू किए तो उनका दिमाग चकरा गया। दोबारा फिर गिनती हुई तो 1.48 करोड़ की पूरी रकम नहीं मिली, उसमें 25 लाख रुपए कम निकले। इस ’धोखाधड़ी’ से परेशान हवाला ऑपरेटर संबंधित पुलिस अधिकारियों के पास पहुंचे, लेकिन उनको हड़का कर भगा दिया गया, इसके बाद उन्होंने आर-पार का मूड बना लिया।
पुलिस के आला अफसरों तक पहुंचा दी शिकायत
हवाला ऑपरेटर्स ने अपने साथ हुई पूरे 2.96 करोड़ लूट की शिकायत पुलिस के आला अफसरों तक पहुंचा दी। हालांकि, पुलिस इस राशि को 2.70 करोड़ रुपए बता रही है। अगले दिन हवाला कारोबारियों ने सिवनी कोतवाली थाना पहुंचकर पूरे मामले की शिकायत दी। इस बात की खबर बाहर आने पर हड़कंप मच गया। उधर, जिले के एसपी छुट्टी पर थे तो सीधे आईजी प्रमोद वर्मा ने इस मामले में संज्ञान लिया और लेडी अफसर और उनके स्पेशल 11 पकड़ गए। सभी पर केस दर्ज हुआ। मुकदमा भी डकैती का दर्ज हुआ। लूटेरी मैडम जी दबोच ली गई हैं।