NSAB नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजरी बोर्ड में बड़ा बदलाव, पूर्व RAW चीफ आलोक जोशी को सौंपी गई कमान

भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड में बड़ा बदलाव किया है। पूर्व RAW प्रमुख आलोक जोशी को चेयरमैन बनाया गया है। यह कदम पहलगाम आतंकी हमले के बाद लिया गया है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है।

Alok Joshi

NSAB Chairman: भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) में बड़ा बदलाव करते हुए पूर्व रॉ प्रमुख आलोक जोशी को इसका नया चेयरमैन नियुक्त किया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। इस हमले के बाद से भारत ने कई रणनीतिक और सख्त फैसले लिए हैं, जिनमें NSAB का पुनर्गठन प्रमुख है। बोर्ड में सेनाओं और खुफिया एजेंसियों के अनुभवी सेवानिवृत्त अधिकारियों को शामिल किया गया है, जिससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि भारत अब सुरक्षा मामलों में अधिक निर्णायक रवैया अपनाने जा रहा है।

अनुभवी अधिकारियों को मिली जिम्मेदारी

पूर्व RAW प्रमुख आलोक जोशी की नियुक्ति सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है। उनके साथ NSAB में कुल सात सदस्य होंगे, जिनमें तीनों सेनाओं के पूर्व अधिकारी शामिल हैं। एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) पीएम सिन्हा, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एके सिंह और रियर एडमिरल (सेवानिवृत्त) मॉन्टी खन्ना को बोर्ड का सदस्य बनाया गया है। इन तीनों ने अपने कार्यकाल के दौरान अहम रणनीतिक मोर्चों पर काम किया है और उनका अनुभव अब देश की सुरक्षा नीति तय करने में उपयोग होगा।

NSAB
आलोक जोशी, एयर मार्शल पीएम सिन्हा, लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह, रियर एडमिरल मॉन्टी खन्ना, राजीव रंजन वर्मा, मनमोहन सिंह, बी वेंकटेश

पुलिस और विदेश सेवा के विशेषज्ञ भी शामिल

NSAB में भारतीय पुलिस सेवा से सेवानिवृत्त राजीव रंजन वर्मा और मनमोहन सिंह को भी जगह दी गई है। दोनों अधिकारियों को आंतरिक सुरक्षा और खुफिया संचालन में लंबा अनुभव रहा है। इसके अलावा, बी. वेंकटेश वर्मा, जो विदेश सेवा से रिटायर हो चुके हैं, को भी बोर्ड में शामिल किया गया है। उनका कूटनीतिक अनुभव भारत की विदेश नीति को सुरक्षा रणनीति से जोड़ने में सहायक होगा।

पीएम मोदी की सख्त नीति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में सीसीएस, सीसीपीए, सीसीईए और कैबिनेट की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें सुरक्षा और रणनीति को लेकर कई अहम फैसले लिए गए। पाकिस्तान लगातार एलओसी पर सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है, जिसका भारतीय सेना ने करारा जवाब दिया है। भारत की ओर से अब साफ संदेश है कि सुरक्षा के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं होगा।

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