Which Plane Seat Is Safest During a Crash:अहमदाबाद में वट पूर्णिमा के दिन एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 टेकऑफ के कुछ ही मिनट बाद हादसे का शिकार हो गई। यह बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान लंदन जा रहा था। विमान शहर के मेघानीनगर इलाके में गिरा, जिससे आग लग गई और चारों ओर काले धुएं का गुबार फैल गया। हादसे के समय फ्लाइट में कुल 242 लोग मौजूद थे, जिनमें 232 यात्री और 10 क्रू मेंबर शामिल थे।
एयरपोर्ट के सभी रास्ते बंद, राहत कार्य जारी
हादसे के तुरंत बाद सुरक्षा के लिहाज से एयरपोर्ट जाने वाले सभी रास्तों को ब्लॉक कर दिया गया। राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है। अभी यह साफ नहीं हुआ है कि कितने लोग जिंदा बचे हैं। लेकिन इस घटना ने एक अहम सवाल फिर से खड़ा कर दिया है।आखिर प्लेन में कौन-सी सीट सबसे ज्यादा सुरक्षित होती है?
पिछली सीटें होती हैं ज्यादा सुरक्षित,शोध और आंकड़े बताते हैं
पिछले विमान हादसों का रिकॉर्ड देखा जाए, तो यह सामने आता है कि विमान के पिछले हिस्से में बैठने वाले लोगों के जिंदा बचने की संभावना ज्यादा होती है। 2023 में दक्षिण कोरिया और कजाखस्तान में हुए हादसों में भी यही देखा गया कि पिछले हिस्से की सीटें कम नुकसान में आई थीं। इसके पीछे वजह यह मानी जाती है कि जब विमान हादसा होता है, तो उसका सबसे ज्यादा असर आगे के हिस्से पर पड़ता है। विमान की नाक, पायलट केबिन और सामने की सीटें सबसे पहले टक्कर में आती हैं। जबकि पीछे का हिस्सा कई बार टक्कर से बच जाता है।
बीच की सीटें सबसे ज्यादा खतरे में क्यों होती हैं?
विमान के बीच के हिस्से में पंख (विंग्स) होते हैं और इन्हीं में फ्यूल यानी ईंधन भरा होता है। ऐसे में हादसे के वक्त आग लगने की सबसे ज्यादा संभावना यहीं होती है। इसी वजह से बीच की सीटों को सबसे असुरक्षित माना जाता है।
विजय रूपाणी भी थे फ्लाइट में सवार?
सूत्रों के मुताबिक, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी इस फ्लाइट में मौजूद थे। हालांकि अभी तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। उनके नाम के जुड़ते ही प्रशासन सतर्क हो गया है।
पीएम मोदी ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर हादसे को ‘हृदय विदारक’ बताया और कहा कि वे लगातार अधिकारियों और मंत्रियों के संपर्क में हैं, जो राहत कार्यों में लगे हुए हैं।
DGCA की जानकारी और ‘मेडे’ कॉल
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के अनुसार, हादसे से कुछ समय पहले पायलट सुमीत सभरवाल ने ‘मेडे’ कॉल दिया था, जिसका मतलब है कि विमान गंभीर संकट में था।