कहानी आलोक जोशी की, जिन्हें मिली NSAB की कमान, UP के IPS ‘सिंघम’ की एंट्री से जानें क्यों कांपा पाकिस्तान

पहलगाम आतंकी हमले के बाद रॉ के पूर्व प्रमुख आलोक जोशी को बनाया गया एनएसएबी का चीफ, लखनऊ के जांबाज आईपीएस के नाम से पाकिस्तान में मचा कोहराम।

नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच जबरदस्त टकराव है। 26 सैलानियों की मौत के बाद हर एक हिन्दुस्तानी मुल्ला मुनीर एंड आतंकी कंपनी को सबक सिखाए जाने की मांग कर रहा है। सरकार भी पलटवार को तैयार है। तीनों सेनाएं भी अलर्ट पर हैं और कभी भी पाकिस्तान के अंदर बारूद की बारिश हो सकती है। इनसब के बीच केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला बीतेदिनों करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड ( NSAB) का पुनर्गठन किया है। पूर्व रॉ चीफ आलोक जोशी को NSAB कमान सौंपी गई है। बोर्ड में 6 और सदस्यों को भी शामिल किया गया है। ऐसे में हम आपको आलोक जोशी के बारे में बताएंगे। साथ ही NSAB  क्या है और ये संस्था कैसे काम करती है।

NSAB  के चीफ बनाए गए आलोक जोशी

पहलगाम आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड ( NSAB) का पुनर्गठन किया है। एनएसएबी की कमान पूर्व रॉ प्रमुख आलो जोशी के हाथों में सौंपी गई है। जबकि पूर्व पश्चिमी वायु सेना कमांडर एयर मार्शल पीएम सिन्हा, पूर्व दक्षिणी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह और रियर एडमिरल मोंटी खन्ना अब एनएसएबी का हिस्सा होंगे। ये सभी सैन्य सेवाओं से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। राजीव रंजन वर्मा और मनमोहन सिंह भी बोर्ड में शामिल हैं। ये दोनों भारतीय पुलिस सेवा (IPS) से सेवानिवृत्त हुए हैं। बी वेंकटेश वर्मा, जो एक सेवानिवृत्त IFS अधिकारी हैं, भी सात सदस्यीय बोर्ड का हिस्सा हैं। पूर्व रॉ चीफ को जैसे ही NSAB का चीफ बनाया गया, वैसे ही पाकिस्तान में हड़कंप मच गया।

क्या है NSAB

पहली बार 1998 में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का गठन किया गया था। इसे लॉन्ग टर्म स्ट्रैटजिक एसेसमेंट का काम दिया गया। ये भी तय किया गया कि NSAB  महत्वपूर्ण मुद्दों पर राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) को सलाह देगा। 2018 में बोर्ड का एक बार फिर गठन किया गया। तब भारत के रूस में राजदूत रहे पीएस राघवन को इसका प्रमुख बनाया गया था। जानकार बताते हैं कि एनएसएबी चीफ जंग के हालात में रणनीति बनाएंगे। साथ ही दुश्मन को किस तरह से घेरा जाए, इसको लेकर सेना के अधिकारियों के साथ प्लान तैयार करेंगे और अपनी रिपोर्ट भारत सरकार को भेजेंगे। NSAB चीफ सीधे पीएम नरेंद्र मोदी और एनएसए अजीत डोभाल को रिपोर्ट करेंगे। जानकार बताते हैं कि पाकिस्तान के खिलाफ NSAB के सदस्यों ने ऑपरेशन भी शुरू कर दिया है। जिसके कारण पाकिस्तान के अंदर कोहराम मचा हुआ है।

कौन हैं अलोक जोशी

आलोक जोशी साल 1976 बैच के हरियाणा कैडर के आईपीएल अधिकारी हैं। आलोक जोशी रॉ प्रमुख के साथ ही राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (NTRO) के चेयरमैन भी रह चुके हैं। उन्होंने 2012 से 2014 तक रॉ के प्रमुख के रूप में कार्य किया था। इसके बाद 2015 से 2018 तक NTROके चेयरमैन के रूप में भी सेवा दी। उन्होंने पाकिस्तान और नेपाल में कई महत्वपूर्ण ऑपरेशन्स को अंजाम देने में अहम भूमिका भी निभाई है। लखनऊ के रहने वाले जोशी ने जेएनयू से राजनीति विज्ञान में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने अपने करियर की शुरुआत आईपीएस के रूप में की और बाद में खुफिया क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता स्थापित की। उनकी तकनीकी विशेषज्ञता, विशेष रूप से साइबर खतरों से निपटने में, ने उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में एक सम्मानित नाम बनाया है।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड क्या है?

आलोक जोशी की नियुक्ति इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि वे खुफिया जानकारी और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में बहुत अनुभवी हैं। उनकी अगुवाई में NSAB भारत की सुरक्षा नीतियों को और मजबूत करेगा। खासकर, पहलगाम हमले के बाद जब भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा है, जोशी का अनुभव देश के लिए बहुत उपयोगी होगा। वे साइबर हमलों और आतंकवाद जैसे नए खतरों से निपटने में बोर्ड की मदद करेंगे। जानकार बताते हैं कि आलोक जोशी की पकड़ पाकिस्तान के अंदर बहुतत जबरदस्त है। उन्होंने अपने जॉब के दौरान पाकिस्तान के अंदर रहकर भी काम किया हुआ है। आलोक जोशी को एनएसएबी की कमान सौंपे जाने के बाद से पाकिस्तानी के अंदर खौफ का माहौल है। पाकिस्तानी डिफेंस एक्सपर्ट का दावा है कि आलोक जोशी कुछ बड़ा करने वाले हैं। ऐसे में पाकिस्तान को सतर्क रहना होगा।

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