कश्मीर से कन्याकुमारी तक स्पीड का कमाल, गडकरी ने दिखाया हाईवे क्रांति का नया नक्शा!

नितिन गडकरी ने कहा, "आपने तो अभी सिर्फ ट्रेलर देखा है, असली फिल्म तो अभी शुरू होनी बाकी है। कई बड़े प्रोजेक्ट्स तेजी से काम कर रहे हैं और अगले दो वर्षों में आप देखेंगे कि भारत का सड़क नेटवर्क अमेरिका जैसा नहीं, उससे भी बेहतर हो जाएगा।" उन्होंने आगे बताया, "कुछ अमेरिकी लोगों ने मुझसे मुलाकात की और कहा कि भारत का इंफ्रास्ट्रक्चर अब अमेरिका से भी आगे निकल गया है।"

Indian Road Infrastructure

Indian Road Infrastructure : केंद्र सरकार की अगुवाई में देशभर में सड़क और राजमार्गों के निर्माण का काम तेजी से किया जा रहा है। खासकर हाईवे के क्षेत्र में अभूतपूर्व सुधार देखने को मिल रहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में दावा किया कि आगामी दो वर्षों में भारत का सड़क नेटवर्क अमेरिका की टक्कर का हो जाएगा। उन्होंने बताया कि बीते दस वर्षों में सड़क क्षेत्र में सरकार ने भारी निवेश किया है, जिसके सकारात्मक नतीजे अब नजर आने लगे हैं।

गडकरी ने कहा कि दिल्ली से देश के कई प्रमुख शहरों तक का सफर अब घंटों में सिमटता जा रहा है। उदाहरण के लिए:

उन्होंने आगे बताया कि चेन्नई से बेंगलुरु के बीच का सफर सिर्फ 2 घंटे में तय किया जा सकेगा, जबकि बेंगलुरु से मैसूर महज 1 घंटे में। मेरठ से दिल्ली के बीच की दूरी भी अब केवल 50 मिनट में पूरी की जा सकेगी। गडकरी ने कहा, “हम देशभर में 25 ग्रीन एक्सप्रेसवे पर काम कर रहे हैं जो ट्रैफिक की भीड़भाड़ को खत्म करेंगे और सफर को तेज व आरामदायक बनाएंगे। साथ ही हम केदारनाथ और हेमकुंड जैसे धार्मिक स्थलों को जोड़ने के लिए रोपवे भी बना रहे हैं। दिल्ली में 1.5 लाख करोड़ रुपये की लागत से नई सड़कें तैयार की जा रही हैं ताकि ट्रैफिक जाम और प्रदूषण को कम किया जा सके।”

लॉजिस्टिक्स लागत में भारी गिरावट

उन्होंने यह भी बताया कि अच्छी सड़कों के चलते देश की लॉजिस्टिक्स कॉस्ट में उल्लेखनीय गिरावट आई है, जो पहले 16% थी और अब घटकर लगभग 9% रह गई है। इसकी तुलना में चीन में यह 8% और अमेरिका व यूरोपीय देशों में 12% है। पहले खराब सड़कों और बंदरगाहों के चलते ट्रांसपोर्ट महंगा होता था, जिससे प्रतिस्पर्धा पर असर पड़ता था। अब यह चुनौती काफी हद तक हल हो चुकी है।गडकरी ने कहा कि कम लॉजिस्टिक्स कॉस्ट से भारत का निर्यात सस्ता और प्रतिस्पर्धी बन रहा है, जिससे कृषि, निर्माण और सेवा क्षेत्रों को भी लाभ मिलेगा।

देशभर में चल रहे हैं बड़े प्रोजेक्ट

उन्होंने आगे बताया कि केंद्र सरकार इस समय 25 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, 3000 किलोमीटर के पोर्ट-कनेक्टिविटी कॉरिडोर, और धार्मिक पर्यटन स्थलों को जोड़ने वाली 1 लाख करोड़ की सड़क परियोजनाओं पर कार्य कर रही है। बौद्ध सर्किट और चार धाम यात्रा मार्ग को हर मौसम में चलने योग्य ऑल वेदर रोड से जोड़ा जा रहा है।

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भारत बना दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क

भारत ने हाल के वर्षों में सड़क निर्माण के क्षेत्र में जबरदस्त प्रगति की है। अब देश का सड़क नेटवर्क दुनिया में दूसरे नंबर पर है।

गडकरी ने अंत में कहा, “जो आपने अब तक देखा वो ट्रेलर था, असली फिल्म तो अभी बाकी है। आने वाले दो सालों में भारत की सड़कें दुनिया को दिखा देंगी कि हम किसी से पीछे नहीं हैं।”

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