Amit Shah का बड़ा बयान: “स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा” – विपक्ष के आरोपों को बताया बेबुनियाद

पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर पहली बार गृहमंत्री अमित शाह ने चुप्पी तोड़ी। शाह ने कहा कि धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया और विपक्ष के नजरबंदी के आरोपों को खारिज किया।

Amit Shah

Amit Shah interview: देश के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर चल रही अटकलों के बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है। सोमवार को एएनआई को दिए इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा कि जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों की वजह से उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया था। शाह ने स्पष्ट किया कि धनखड़ के इस्तीफे में कोई राजनीतिक दबाव शामिल नहीं है। विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे नजरबंदी के आरोपों को भी गृहमंत्री ने सिरे से खारिज करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर “अनावश्यक बखेड़ा खड़ा करने” की जरूरत नहीं है। उन्होंने जोर दिया कि धनखड़ ने अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन पूरी निष्ठा से किया है।

स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा: अमित शाह ने दी सफाई

Amit Shah ने कहा, “धनखड़ साहब का इस्तीफा अपने आप में स्पष्ट है। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पद छोड़ा और प्रधानमंत्री, मंत्रियों तथा सरकार के अन्य सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया है।” Amit Shah ने विपक्ष की उस थ्योरी को भी खारिज कर दिया जिसमें दावा किया गया था कि धनखड़ को सरकार ने जबरन चुप करा दिया है। उन्होंने कहा कि यह संवैधानिक पद की गरिमा से खिलवाड़ है और ऐसे बयानों से जनता में भ्रम फैलाया जा रहा है।

नजरबंदी के आरोपों पर गृहमंत्री का पलटवार

जब Amit Shah से पूछा गया कि क्या जगदीप धनखड़ को उनके घर में नजरबंद किया गया है, तो उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा, “सच और झूठ की व्याख्या केवल विपक्ष के बयानों पर आधारित नहीं हो सकती। विपक्ष इस मामले को लेकर अनावश्यक हंगामा कर रहा है। जगदीप धनखड़ ने निजी स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया है, इसमें और कुछ नहीं है।”

विपक्ष के सवाल और राहुल गांधी का हमला

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा था कि इतिहास में पहली बार किसी उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के साथ-साथ “उन्हें चुप कराने” की बातें सामने आ रही हैं। वहीं, लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने 20 अगस्त को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “हम मध्यकालीन काल में लौट गए हैं। यहां राजा अपनी मर्जी से किसी को भी हटा देता है। लोकतंत्र की परिभाषा ही बदल दी गई है।”

इस्तीफे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही

21 जुलाई को संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा सौंपा था। इस्तीफा पत्र में उन्होंने कहा था कि वह डॉक्टरों की सलाह के अनुसार अब अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना चाहते हैं। इस्तीफे के बाद राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण उच्च सदन की कार्यवाही संभाल रहे हैं।

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