नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। लोकसभा में ’ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने जमकर गरजे। विपक्ष के हर प्रश्न को साक्ष्यों के साथ जवाब दिया। मौका मिला तो राहुल गांधी, चिदंबरम और अखिलेश यादव को भी नहीं छोड़ा। गृहमंत्री ने चुन-चुन कर जुबानी हमला बोला। पाकिस्तान की पोल खोली। ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी का राज खोला। ऑपरेशन महादेव की कहानी भी बताई और पहलगाम आतंकी हमले के आतंकियों के द एंड पर मुहर भी लगाई।
ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। उसी दिन वह श्रीनगर रवाना हो गए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले दिन सीसीएस की बैठक बुलाई। उन्होंने बताया कि बैठक में सिंधु जल संधि को रोकने का फैसला लिया गया, जो कांग्रेस की ऐतिहासिक भूल थी। शाह ने कहा कि सरकार ने तय किया कि आतंकियों को उनके छिपने के ठिकानों में जाकर मार गिराया जाएगा। हमारी सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाक के नौ आतंकी ठिकानें बर्बाद कर दिए। सौ से ज्यादा आतंकी मारे गए। उन्होंने मारे गए आतंकियों के नाम भी बताए।
इस मौके पर अमित शाह ने कांग्रेस सांसद और पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम के बयान पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सवाल उठाया कि पाकिस्तान को बचाने की कोशिश कर कांग्रेस को क्या हासिल होगा। शाह ने कहा कि चिदंबरम का बयान पूरी दुनिया के सामने अपने पाक प्रेम का बखान कर रहे हैं। गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेता का यह सवाल कि आतंकी पाकिस्तान से आए या नहीं, देश के पूर्व गृह मंत्री की तरफ से एक तरह से पाकिस्तान को क्लीन चिट देने जैसा है।
अमित शाह ने आगे कहा कहा कि हमारे पास सबूत हैं और हम संसद के पटल पर उसे रखने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मारे गए तीन आतंकियों में से दो के वोटर नंबर तक हमारे पास हैं। उनकी जेब में पाकिस्तान निर्मित चॉकलेट भी मिले हैं। साथ ही शाह ने बताया कि हमला कब और कैसे हुआ। अमित शाह कहा कि जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि पहलगाम हमले में शामिल आतंकी पाकिस्तान से थे। उन्होंने बताया कि मंगलवार सुबह 4 बजे इसकी पुष्टि हो गई। साथ ही जिन दो लोगों ने इन आतंकियों को शरण दी थी, उन्हें भी पकड़ लिया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू कर पहलगाम में आतंकी भेजने वालों के आकाओं को मिट्टी में मिलाने का काम किया और अब सेना ने उन आतंकियों का ऑपरेशन महादेव के तहत खात्मा कर दिया। इस पर सपा सांसद अखिलेश यादव ने गृह मंत्री को बीच में टोकते हुए कहा कि आका तो पाकिस्तान है, जिसके जवाब में अमित शाह ने कहा कि आपकी पाकिस्तान से बात होती है क्या?। इसके बाद लोकसभा में हंगामा शुरू हो गया और सपा के तमाम सांसद अपनी सीट से खड़े हो गए। लेकिन स्पीकर ओम बिड़ला ने व्यवधान को खत्म कर अमित शाह से बयान पूरा करनेको कहा।
इसके बाद अमित शाह ने आगे कहा कि मुझे उम्मीद थी कि आतंकियों के खात्मे की जानकारी पाते ही पक्ष-विपक्ष के सभी सांसदों में खुशी की लहर दौड़ जाएगी। लेकिन विपक्षी सांसदों के चेहरे पर स्याही पड़ गई। इनको आतंकियों के मारे जाने पर भी आनंद नहीं है। इसके बाद एक बार फिर अखिलेश यादव ने अमित शाह को बीच भाषण में टोका, तो गृह मंत्री ने कहा कि अखिलेश जी आप आतंकियों का धर्म देखकर दुखी मत होइए। अमित शाह ने कहा कि छह वैज्ञानिकों ने इस रिपोर्ट की पुष्टि की है और मुझसे कहा है कि यह 100 फीसदी यह वही गोलियां हैं जो पहलगाम में चलाई गई थींं। इन्हीं तीन आतंकवादियों ने पहलगाम में 26 नागरिकों की हत्या की थी। आतंकी पाकिस्तानी थे। पूरे साक्ष्य हमारे पास हैं।
अमित शाह ने सदन में कहा कि पहलगाम हमले के बाद मैं वहां गया था और पीड़ित परिजनों से मिला था। छह दिन की शादी हुई लड़की वहां विधवा होकर खड़ी थी, वो दृश्य जीवन में कभी नहीं भूल सकता। लेकिन आज मैं उनके परिजनों से कहना चाहता हूं कि मोदी जी ने ऑपरेशन सिंदूर से आतंकियों को भेजने वालों को मारा और हमारे सुरक्षाबलों ने उन आतंकियों को भी मौत के घाट उतार दिया। एक ऐसा सबक सिखाया है कि आने वाले कई दिनों तक कोई ऐसी हिम्मत नहीं कर पाएगा। अमित शाह ने इस मौके पर पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी की सरकार को लेकर कांग्रेस को घेरा। मुम्बई हमले का भी जिक्र किया। गृहमंत्री ने कहा कि पहले हुरियर नेताओं को कारपेट बिछाकर स्वागत किया जाता था। लेकिन मोदी सरकार ने उनका अपने तरीके से इलाज किया।
अमित शाह ने विपक्ष के सवालों पर कहा कि बार-बार पूछा जाता है कि पहलगाम के आतंकी कहां से आए और कैसे भाग गए, तो मैं बताना चाहता हूं कि हम सरकार में हैं। जिम्मेदारी हमारी है, लेकिन साथ ही पूछता हूं कि जब आप सरकार में थे तब आपने क्यों जिम्मेदारी नहीं ली। इसके बाद अमित शाह ने कांग्रेस की सरकार के दौरान देश छोड़कर भागे दाऊद इब्राहिम, सैयद सलाउद्दीन, टाइगर मेनन जैसे कई आतंकियों के नाम गिनाए और कहा कि जिन्होंने पहलगाम में हमला किया उन्हें तो हमारी सेना ने मार गिराया, आपने क्या किया। आपके जमाने में आतंकियों के मददगारों को दिल्ली बुलाया जाता। हुरियत के नेता दिल्ली में आकर ऑलीशान होटलों में रूकते। जबकि हमारी सरकार ने हुरियर को जड़ से खत्म करने का काम किया।
गौरव गोगोई के ’मोदी बिहार चले गए और राहुल गांधी पहलगाम गए’ वाले बयान पर अमित शाह ने कहा कि जब प्रधानमंत्री बिहार में थे, तब तक पहलगाम में कोई स्थिति नहीं थी। राहुल गांधी वहां पहले से मौजूद थे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि पीएम की प्राथमिकता गलत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने एक सभा में देश पर हुए हमले को लेकर जिम्मेदारी से बात की। अमित शाह ने अपने भाषण के अंत में विपक्ष से अपील की कि ऐसे वक्त में जब देश के निर्दोष लोग आतंकी हमले में मारे गए, तब राजनीति करने के बजाय राष्ट्रहित में एकजुटता दिखानी चाहिए। अमित शाह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रतीक है। कांग्रेस नेताओं को इस पर सवाल उठाने के बजाय सेना और सरकार के साथ खड़ा होना चाहिए।