रामचंद्रन विश्वनाथन, भारतीय मूल के एक अमेरिकी नागरिक ने भारत सरकार से नाराज़गी के कारण केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को अमेरिका में बैन कराने की माँग करते हुए एक विज्ञापन वहाँ को अख़बारो में छपवा दिया। साथ ही उसने 10 अन्य को भी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन से बैन करवाने की माँग की है। प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) रामचंद्रन विश्वनाथन को पहले ही आर्थिक अपराधी घोषित कर चुका है।
किन लोगों को बैन कराने की माँग की है
उस आदमी ने विज्ञापन में जिन लोगों को बैन कराने की माँग की है, उनमें सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमन, सुप्रीम कोर्ट के जज हेमंत गुप्ता व वी रामसुब्रमन्यन के अलावा ED के डायरेक्टर, अस्सिस्टेंट डायरेक्टर और डिप्टी डायरेक्टर भी शामिल हैं। अब इस आर्थिक अपराधी, भगोड़े ने 2016 के ‘Global Magnitsky Human Rights Accountability’ कानून को आधार बनाकर हुए ये माँग की। इस कानून के तहत अमेरिका की सरकार को अधिकार है कि वो किसी विदेशी अधिकारी या नेता की संपत्ति को जब्त कर सके, उस पर प्रतिबंध लगा सके और यहाँ तक कि देश में उसके घुसने पर भी रोक लगा सके। Human Right का उल्लंघन का आरोप लगाते हुए ऐसा किया जा सकता है।
अख़बार में एड भी चलाया था
इसी साल अगस्त में ‘Frontiers of Freedom’ नामक की संस्था ने रामचंद्रन विश्वनाथन की तरफ से याचिका दायर कर के ऐसी माँग की थी और एक अख़बार में एड भी चलाया था। निर्मला सीतारमन् और इन 10 लोगों को संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘Magnitsky 11’ बना दिया। इसमें दावा किया गया है कि मोदी सरकार ने कोंस्टीटूशनल इंस्टीटूशन को हथियार बना कर कानून के राज को बर्बाद किया है और राजनीतिक और इंडस्ट्रियल राइवल के खिलाफ इसका इस्तेमाल कर के भारत को निवेशकों के लिए असुरक्षित बनाया है।