Andaman से खुशखबरी की उम्मीद, भारत की ऊर्जा क्रांति की ओर बढ़ता कदम

भारत अंडमान सागर में एक बड़े तेल भंडार की खोज के करीब बताया जा रहा है। यदि यह खोज सफल होती है, तो भारत की अर्थव्यवस्था और ऊर्जा सुरक्षा में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है, हालांकि पुष्टि अभी बाकी है।

Andaman

Andaman oil discovery: भारत Andaman सागर में एक बड़े तेल भंडार की खोज के बेहद करीब बताया जा रहा है। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी के अनुसार, यहां करीब 2 लाख करोड़ लीटर कच्चे तेल का भंडार हो सकता है, जो भारत की ऊर्जा जरूरतों में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। अगर यह दावा सही साबित होता है, तो यह खोज भारत को आयात निर्भरता से मुक्ति दिला सकती है और अर्थव्यवस्था को 20 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने का रास्ता खोल सकती है। हालांकि, यह खोज अभी पूरी तरह से प्रमाणित नहीं है। फिलहाल खुदाई और जांच जारी है, इसलिए इसके असर को लेकर अभी भी संशय बना हुआ है।

क्या है अंडमान तेल खोज की सच्चाई?

हाल ही में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दावा किया कि भारत Andaman सागर में एक ‘गयाना जैसी’ बड़ी तेल खोज के करीब है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में करीब 2 लाख करोड़ लीटर (करीब 11.6 अरब बैरल) कच्चे तेल का भंडार छिपा हो सकता है। इस संभावित खोज की तुलना गयाना से की जा रही है, जिसने अपने समुद्री तेल भंडार से अर्थव्यवस्था को पूरी तरह बदल दिया। भारत की तेल आयात पर 85% से ज्यादा निर्भरता है, ऐसे में अगर यह खोज सच साबित होती है तो यह देश की ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक मजबूती के लिए एक बड़ा मोड़ हो सकता है।

कैसे हो रहा है अन्वेषण और क्या अब तक मिला?

ONGC और OIL कर रहे हैं बड़े स्तर पर खुदाई

ONGC और ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) ने अंडमान में बड़े पैमाने पर खुदाई शुरू कर दी है। ONGC ने 37 साल में सबसे ज्यादा खुदाई की है और करीब 37,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। वहीं, OIL ने भी 2,500 करोड़ रुपये से पहली खुदाई पूरी कर ली है और तीन और कुएं खोदने की योजना है। हालांकि, अभी तक कोई वाणिज्यिक सफलता घोषित नहीं हुई है। 2013-14 में भी ONGC ने इसी क्षेत्र में छह कुएं खोदे थे, लेकिन कोई तेल नहीं मिला था। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह एक हाई रिस्क, हाई रिवार्ड ज़ोन है।

क्या भारत बन सकता है ‘ऊर्जा महाशक्ति’?

अगर यह खोज सही साबित होती है तो भारत:

हरदीप पुरी ने दावा किया कि इससे भारत की अर्थव्यवस्था सीधे 20 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है। हालांकि विशेषज्ञ इस अनुमान को अत्यधिक आशावादी मानते हैं, क्योंकि इसके लिए उत्पादन में सफलता, विदेशी निवेश, और दीर्घकालिक ऊर्जा नीति की जरूरत होगी।

चुनौतियां और संभावनाएं

फिर भी, सरकार की नई नीतियां, खुले खनिज ब्लॉक, और प्राइवेट कंपनियों की दिलचस्पी इस बार उम्मीदें जगा रही हैं। खुदाई जारी है और विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत शायद इस बार गयाना जैसी सफलता के बेहद करीब है।

भारत Andaman सागर में इतिहास रचने के कगार पर है, लेकिन अभी यह सिर्फ एक संभावना है, प्रमाणित खोज नहीं। अगर यह खोज सच्ची साबित होती है तो भारत की आर्थिक, ऊर्जा और भू-राजनीतिक स्थिति में बड़ा बदलाव आ सकता है। फिलहाल देश को इंतजार करना होगा कि ये खुदाई वाकई में ‘ऑयल जैकपॉट’ है या फिर यह सिर्फ एक और अधूरी उम्मीद रह जाएगी।

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