तमिलनाडु के स्कूलों में खत्म हुआ बैकबेंचर कल्चर, अब ‘U’ और ‘PA’ शेप में बैठेंगे बच्चे!

अब तक सभी कक्षाओं में छात्र एक सीधी लाइन में एक-दूसरे के आगे-पीछे बैठते थे, लेकिन अब सीटिंग व्यवस्था बदल दी गई है। तमिलनाडु के छात्र अब कक्षा में ‘U’ या तमिल में कहें तो ‘ப’ (pa) आकार में बैठेंगे।

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Tamilnadu News : तमिलनाडु के स्कूलों में अब छात्रों की बैठने की पारंपरिक व्यवस्था को पूरी तरह बदलने की तैयारी है। जहां पहले विद्यार्थी सीधी लाइनों में एक-दूसरे के आगे-पीछे बैठते थे, अब उनकी सीटिंग ‘U’ या तमिल अक्षर ‘ப’ (पा) के आकार में होगी। इस नई व्यवस्था का उद्देश्य केवल कक्षा को व्यवस्थित बनाना नहीं, बल्कि शिक्षण को अधिक सहभागी और संवादात्मक बनाना है।

सरकार की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, “हर आवाज़ को सुना और देखा जाना चाहिए। शिक्षा केवल एकतरफा व्याख्यान नहीं, बल्कि संवाद होना चाहिए।” यही सोच इस बदलाव की नींव बनी है। ‘U’ आकार की व्यवस्था में छात्र इस तरह बैठते हैं कि उनकी डेस्क और कुर्सियां एक हाफ सर्कल यानी अर्धवृत्त में सजी हों। शिक्षक इस ‘U’ के खुले हिस्से में खड़े होकर सभी विद्यार्थियों से सीधे संवाद कर सकते हैं। इससे न सिर्फ शिक्षक हर छात्र की गतिविधि पर नज़र रख सकते हैं, बल्कि छात्र भी एक-दूसरे के चेहरे देख पाते हैं, जिससे बातचीत और सहभागिता को बढ़ावा मिलता है।

‘पा’ आकार का क्या है मतलब ? 

तमिल लिपि का अक्षर ‘ப’ (पा) दिखने में एक अर्धवृत्त और एक खड़ी रेखा जैसा होता है। इस आधार पर बनाई गई ‘ப’ आकार की व्यवस्था भी छात्रों को सामने की ओर मोड़कर बैठाती है, जिससे वे न केवल शिक्षक से संवाद कर पाते हैं, बल्कि आपस में भी विचार साझा कर सकते हैं।

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यह U आकार की ही एक भिन्नता है, जो स्थानीय भाषा और संस्कृति से जुड़ी प्रतीकात्मकता को भी दर्शाती है। फिलहाल यह नई व्यवस्था पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कुछ कक्षाओं में लागू की जा रही है। इसकी सफलता के आधार पर राज्यभर में इसका विस्तार किया जाएगा। कक्षा में छात्रों की संख्या, कक्ष के आकार के अनुसार तय की जाएगी।

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