Bengaluru Stampede : कर्नाटक सरकार ने हाई कोर्ट को अवगत कराया है कि बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुई भगदड़ की जांच अब आपराधिक जांच विभाग (CID) को सौंपी गई है। इस हादसे में 11 लोगों की जान चली गई थी जबकि 56 अन्य घायल हुए थे। मामले की गहन और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए सीआईडी के तहत एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया जाएगा।
राज्य सरकार द्वारा कर्नाटक हाई कोर्ट में प्रस्तुत की गई स्थिति रिपोर्ट में बताया गया है कि इस घटना को लेकर कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन में अपराध संख्या 123/2025 के तहत भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराएं 105, 125(1)(2), 132, 121/1, 190 और धारा 3(5) के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज की गई है। अब यह मामला आधिकारिक रूप से सीआईडी को सौंप दिया गया है और आगे की जांच की जिम्मेदारी एसआईटी को दी जाएगी।
घटना की होगी मजिस्ट्रेट जांच
इसके साथ ही, सरकार ने इस घटना की मजिस्ट्रेट जांच कराने की भी घोषणा की है। यह जांच बेंगलुरु सिटी जिले के डिप्टी कमिश्नर और जिला मजिस्ट्रेट द्वारा की जाएगी, जिन्हें 15 दिनों के भीतर पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। इस जांच का उद्देश्य भगदड़ के पीछे की असली वजहों की पड़ताल करना है, जिसमें किसी भी तरह की लापरवाही की पहचान कर जिम्मेदारों को चिन्हित करना भी शामिल है।
यह दुखद घटना 3 जून की रात और 4 जून, 2025 की सुबह उस समय हुई जब रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की टीम को उनकी पहली आईपीएल ट्रॉफी जीतने के उपलक्ष्य में आयोजित एक भव्य विजय जुलूस के दौरान स्टेडियम और उसके आसपास भारी भीड़ उमड़ पड़ी। राज्य सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, स्टेडियम के आसपास करीब 2.5 लाख लोग जमा हो गए थे।
राज्य सरकार ने हाई कोर्ट को किया आश्वस्त
हालांकि मौके पर भीड़ नियंत्रित करने के लिए बेंगलुरु सिटी पुलिस के 1,380 जवानों और केएसआरपी की 13 प्लाटून (कुल 325 कर्मी) की तैनाती की गई थी, फिर भी स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई और स्टेडियम के गेट नंबर 1, 6, 7 और 17 से 21 तक कई स्थानों पर भगदड़ मच गई।
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इस हादसे में घायल हुए 56 लोगों में से 50 को प्राथमिक उपचार के बाद ओपीडी से छुट्टी दे दी गई, जबकि 6 लोगों का अब भी अस्पताल में इलाज जारी है। प्रशासन ने घायलों को तुरंत चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई। राज्य सरकार ने हाई कोर्ट को आश्वस्त किया है कि मामले की जांच में किसी भी स्तर पर कोताही नहीं बरती जाएगी और दोषियों को जवाबदेह ठहराया जाएगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।